भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) की शिक्षा विंग एनसीसीई ने हाल ही में नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ की सहकारी समितियों के अध्यक्ष और निदेशकों के लिए तीन दिवसीय लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम का आयोजन किया। इस प्रोग्राम का उद्देश्य प्रतिभागियों के बीच कौशल विकास को विकसित करना था ताकि वे अपनी सहकारी समितियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकें।
प्रतिभगियों को सहकारिता के बल पर चलने वाले लघु और अति लघु उद्यमों को स्थापित करने के लिए भी प्रशिक्षण दिया गया। महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा सहकारिता से जोड़ना और ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को इसमें शामिल करना इस प्रशिक्षण का मकसद था ताकि उन्हें एक नियमित आय मिल सके।
इस पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम को कुछ इस प्रकार तैयार किया गया था कि भाग लेने वालों के प्रश्न का जवाब उन्हे ट्रेनिंग के दौरान मिल सके। इस बात पर विशेष बल दिया कि उद्यमों को सहकारी समितियों के रूप में कैसे विकसित किया जाए।
अपने उद्घाटन संबोधन में एनसीसीई ने निदेशक डॉ वी के दूबे ने कहा कि सहकारी समितियां किसानों की आय दोगुनी करने में अच्छी भूमिका निभा रही है। वे ग्रामीण इलाकों में कृषि आधारित छोटी प्रसंस्करण इकाइयों की शुरुआत करने में लगे हैं, ताकि उनकी आय 2022 तक दोगुनी हो सके।
इस मौके पर प्रतिभागियों ने कार्यक्रम की प्रशंसा की और सुझाव दिया कि भविष्य में भी छत्तीसगढ़ सहकारी समितियों के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए।
वही प्रतिभागियों ने सरकारी अधिकारियों, वरिष्ठ अधिकारियों और विभिन्न सहकारी संगठनों के अधिकारियों के साथ बातचीत की। प्रतिभागियों को आईएआरआई और पूसा में आयोजित कृषि उन्नति मेले का भी दौरा कराया गया।
एनसीसीई ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि प्रतिभागियों को एनसीडीसी की सहकारी समितियों के विकास के लिए कार्य योजनाओं से अवगत कराया गया। एनसीसीई, सहायक निदेशक वीना सचदेवा ने सफलतापूर्वक कार्यक्रम का समन्वय किया।