नेशनल सेंटर फॉर कॉपरेटिव एक्सीलेंस (एनसीसीई) ने हाल ही में महिला सहकारी समितियों की अध्यक्ष और निदेशकों के लिए नई दिल्ली में तीन दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों में कौशल विकास को उत्पन्न करना था।
प्रतिभागियों को माइक्रो-एंटरप्राइज स्थापित करने के लिए प्रशिक्षण दिया गया था जिससे सहकारी आंदोलन से अधिक से अधिक महिलाएं जुड़ सके और ग्रामीण क्षेत्रों के युवा आगे आएं।
अपने संबोधन में, एनसीसीई के निदेशक डॉ वी के दुबे ने कहा कि महिला सहकारी समितियां विभिन्न गतिविधियों को अपनाकर महिलाओं की आय में वृद्धि करने में सकारात्मक भूमिका निभा रही हैं।
दुबे ने महिलाओं से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी प्रसंस्करण इकाइयों को खोलने के लिए आह्वान किया ताकि किसानों की आमदनी को 2022 तक बढ़ाई जा सके। उन्होंने सुझाव दिया कि प्रतिभागियों को कार्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान का उपयोग अपनी गतिविधियों में करना चाहिए।
प्रतिभागियों ने ऐसे कार्यक्रम के आयोजन के लिए एनसीसीई के प्रयासों को सराहा और वीणा सचदेवा, सहायक निदेशक ने सुझाव दिया कि महिला सहकारी समितियों के लिए इस तरह के और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाना चाहिए ताकि उनके कौशल विकास को विकसित किया जा सके।
प्रतिभागियों को जीएसटी और एनसीडीसी की विभिन्न योजनाओं के बारे में भी अवगत कराया गया।
एनसीसीई द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रतिभागियों को कई सफल सहकारी समितियों का भी दौरा कराया गया।