
बिहार स्टेट कोआपरेटिव दूध उत्पादक संघ (कॉम्फेड) ने बुधवार को पटना में अपना स्थापना दिवस मनाया। इस मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 144.67 करोड़ रुपये के कुल निवेश वाले छह डेयरी संयंत्रों का उद्घाटन किया।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक नए डेयरी संयंत्रों की स्थापना सुपौल, समस्तीपुर, हाजीपुर, पटना और बिहारशरीफ में की जाएगी। पटना में 300 मीट्रिक टन का प्रतिदिन उत्पादन करने वाले कैटल फीड प्लांट की भी स्थापना की जाएगी।
इस अवसर पर नीतीश ने कहा कि सहकारी समितियां राज्य के दुग्ध क्षेत्र के उप्तादन को बढ़ाने में भूमिका निभा सकती है। मुख्यमंत्री ने महिला सहकारी समितियों की स्थापना करने पर भी जोर दिया जिसके माध्यम से महिलाएं डेयरी क्षेत्र से जुड़ सकती है।
अपने संबोधन में उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने लोगों से सुधा उत्पादों का उपयोग करने का आग्रह किया जिससे डेयरी सहकारी संस्था को बढ़ावा मिल सके।
इस अवसर पर राज्य के सहकारिता मंत्री राण रणधीर सिंह ने भी लोगों को संबोधित किया और गौ-पालन पर एक पुस्तक का विमोचन किया।
यह जानना दिलचस्प होगा कि सुधा कम से कम शैक्षिक क्षेत्र में अमूल से एक कदम आगे है क्योंकि एनसीईआरटी ने डेयरी विषय पर प्रकाशन के लिए बिहार की सुधा दूध सहकारी संस्था को चुना है।
बिहार के लाखों लोग सुधा के दूध और अन्य उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं। कॉम्फेड की स्थापना 1983 में हुई थी और इसका पंजीकरण एमएससीएस 2002 के तहत एक मल्टीस्टेट कॉपरेटिव सोसायटी के रूप में हुआ था। कॉम्फेड का व्यापार झारखंड के कई क्षेत्रों में भी फैला हुआ है।
कॉम्फेड, वैशाली पाटलीपुत्र दूध संघ (वीपीएमयू), डीआर मिल्क यूनियन (डीआरएमयू), तिरुत दूध संघ (टीआईएमयूएल), मिथिला दूध संघ (एमएमयू), शाहबाद दूध संघ (एसएमयू), विक्रमशिला दूध संघ (विमूल) मगध डेयरी परियोजना (एमडीपी), कोसी डेयरी परियोजना (केडीपी), जमशेदपुर डेयरी, रांची डेयरी और बोकारो डेयरी सहित ग्यारह दूध संघों का एक समूह है।