पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने हाल ही में नेशनल एग्रीकल्चर कोआपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (नेफेड) के साथ कृषि वेस्ट इकट्ठा करने को लेकर एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। नेफेड से प्राप्त कृषि वेस्ट से आईओसी बायोगैस और बायो-सीएनजी प्लांट के जरिए ऊर्जा बनाएगी।
यह जानकारी केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बुधवार को नई दिल्ली में डॉ अम्बेडकर इंटरनेशनल सेंटर में नेफेड द्वारा आयोजित “धन्यवाद समारोह” को संबोधित करते हुए साझा की।
पाठकों को याद होगा कि नेफेड ने अनाज की खरीद से सेवा शुल्क पाकर अपने सभी उधारदाताओं को बकाया राशि का भुगतान किया था और कृषि मंत्रालय को धन्यवाद देने के लिए एक समारोह का आयोजन किया था।
मंत्री ने कहा कि नेफेड के प्रबंध निदेशक संजीव चड्डा ने कुछ दिन पहले मुझसे मुलाकात की थी और आईओसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने की इच्छा व्यक्त की थी। कुछ समय तक मैं थोड़ा उलझन में था और सोचता रहा कि नेफेड तो अनाज की खरीद का कार्य कर रही है फिर आईओसी के साथ इसका ताल-मेल कैसे संभव है लेकिन एमडी से बात-चीत के बाद रास्ता साफ हो गया।
चड्डा ने मुझे बताया कि कृषि सहकारी संस्था नेफेड आईओसी को कृषि वेस्ट की अपूर्ति करेगी जिसे बायोगैस और बायो सीएनजी में परिवर्तित किया जा सकता है। मंत्री ने बताया कि मैंने इस कदम का स्वागत किया और आश्वासन दिया कि जल्द ही इस विचार को ठोस आकार दिया जाएगा।
“बायोगैस और जैव-सीएनजी को परिवर्तित करने से किसानों द्वारा जलाई जा रही पराली पर लगाम लगेगी और किसानों को अतिरिक्त आय का साधन मिलेगा। यह देश के ईंधन आयात बिल को भी कम करेगा”, मंत्री ने कहा।
इस बीच आईओसी बायो-सीएनजी प्लांट की स्थापना करने के काम में जुटी गई है।