बिस्कोमॉन अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने विनय शाही द्वारा लगाए गए आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने सहकारी चुनाव में आरजेडी के लोगों की किसी भी प्रकार की भूमिका होने से भी इनकार किया।
गौरतलब है कि विनय शाही ने बिस्कोमॉन के अध्यक्ष और आरजेडी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने रमेश चौबे के खिलाफ दो उम्मीदवारों को उनके विपक्ष में खड़ा करके पैसा कमाने की योजना बनाई थी।
इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुनील ने कहा कि “क्या शाही जानते है कि बिहार स्टेट कोआपरेटिव बैंक आरबीआई और नाबार्ड के अंतर्गत कार्य करती है और इसके वित्तीय गतिविधियों पर आरबीआई और नाबार्ड की कड़ी निगरानी रहती है। ऐसी स्थिति में कोई व्यक्ति चाहकर भी कैसे पैसा कमा सकता है, सिंह ने शाही के तर्कों को खारिज करते हुए कहा।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने कहा कि “भगवान के लिए मुझे विनय शाही के साथ मत जोड़ें क्योंकि वे राज्य के सहकारी क्षेत्र में कोई महत्व नहीं रखते है और अगर आप इस बातचीत को जारी रखेंगे तो बात करना मुश्किल हो जाएगा”, उन्होंने भारतीय सहकारिता के संवाददाता को कहा।
भारतीय सहकारिता का यह मानना है कि जो व्यक्ति बिहार राज्य सहकारी संघ का अध्यक्ष है वो सहकारी क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। इतना ही नहीं सहकारी क्षेत्र में राज्य सहकारी संघ का स्थान विपणन सहकारी संघ से ऊंचा होता है। सुनील माने या न माने विनय शाही आज की तारीक में राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष है और कोई भी मीडिया घराना उनकी बात को अनसुनी नहीं कर सकता है।
विनय शाही ने अपनी प्रतिक्रिया तब व्यक्त की थी जब सुनील और उनकी टीम ने बिहार राज्य सहकारी बैंक के चुनावों में विशाल सिंह-विजय सिंह गुट द्वारा चुनाव जीतने के लिए धन और गुंडों का इस्तेमाल करने की बात कही थी। इसके अलावा, शाही ने कहा कि सुनील मुजफ्फरपुर के सहकारी नेता अमर पांडे का आशीर्वाद भी लेने गए थे। “बड़े दिल वाले पांडे ने उन्हे एक और मौका दिया”, शाही ने बताया।
सुनील कुमार सिंह भारतीय सहकारिता के विभिन्न सवालों का जवाब देने के लिए इच्छुक नहीं लगे और बातचीत लंबी नहीं हो पाई।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में रमेश चौबे को बिहार स्टेट कोआपरेटिव बैंक के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था और बैंक के शीर्ष पद की सत्ता हासिल करने को लेकर दो गुटों में जमकर आरोपो-प्रत्यारोपों का सिलसिला चल रहा था। बताया जा रहा है कि यह लड़ाई दो सहकारी नेताओं बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील सिंह और नेफेड के निदेशक विशाल सिंह के बीच थी।