टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्र सरकार महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को वित्त सहायता प्रदान करने के लिए “स्पेशल बैंक” की स्थापना करेगी। सरकार का कदम इस बात से प्रेरित है कि एसएचजी का एनपीए 2.4 प्रतिशत से कम रहता है।
एक विशेषज्ञ समिति इस विचार पर चर्चा करेगी और आंध्र प्रदेश स्त्रीनिधि सहकारी की तर्ज पर संगठनात्मक ढांचा का सुझाव देगी।
विशेषज्ञ पैनल की अध्यक्षता भारत सरकार के पूर्व सचिव जी.सी.चतुर्वेदी कर सकते हैं।
वर्तमान में, करीब 26 लाख एसएचजी बैंकों से जुड़े हुए हैं जिसके माध्यम से लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का क्रेडिट वितरित होता है।