सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई नोएडा अथॉरिटी से पट्टे पर ली गई भूमि पर “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर कॉपरेटिव ट्रेनिंग” इंस्टीट्यूट बनाने की योजना बना रही है। अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर एनसीयूआई नोएडा अथॉरिटी की ओर से दी गई भूमि पर निर्माण कार्य शुरू करने में विफल होती है तो यह भूमि नोएडा अथॉरिटी अपने कब्जे में ले लेगी।
शीर्ष संस्था की पिछली गवर्निंग काउंसिल की बैठक में सहकारी नेताओं ने इस भूमि पर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की इच्छा व्यक्त की थी। “इसे कौशल विकास और उद्यमिता के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किया जाना चाहिए। भारतीय सहकारिता से बातचीत में एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी ने कहा कि “हम चाहते हैं कि यहां आने पर राष्ट्रीय एवं अतरराष्ट्रीय मेहमानों को सहकारिता के माध्यम से हुए भारत में विकास की कहानी के बारे में पता चल सके, हम इसे नमूना के तौर पर विकसित करना चाहते हैं।”
बता दें कि नोएडा अथॉरिटी ने एनसीयूआई को 90 साल के लिए प्रिंटिंग प्रयोजना शुरू करने के लिए बी-81, सेक्टर 80, नोएडा में जून 2006 को 3000 वर्ग मीटर की भूमि आवंटित की थी। शर्तों के मुताबिक, एनसीयूआई ने नोएडा अथॉरिटी को 2006 में 69,30,000 रुपये की कुल राशि दी थी। इसके अलावा, एनसीयूआई ने मई 2013 को 90 साल के लिए नोएडा अथॉरिटी को 3, 69,350 रुपये का एकमुश्त भुगतान किया था।
नोएडा अथॉरिटी के मानदंडों के हिसाब से एनसीयूआई से भूमि वापस ली जाने वाली थी क्योंकि इस पर कोई काम-काज शुरू नहीं किया गया था। बाद में एनसीयूआई अध्यक्ष और सीई के हस्तक्षेप के बाद विस्तार शुल्क के रूप में जुर्माना देकर इसे बचाया गया है।
यह प्लॉट प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करने के लिए दिया गया था लेकिन अब एनसीयूआई ने इस प्लॉट पर ‘सेंटर ऑफ एक्सिलेंस’ स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। अपने अनुरोध में एनसीयूआई ने लिखा कि, “एनसीयूआई सहकारी आंदोलनका सर्वोच्च संगठन है और सहकारिता के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दे रही है इसलिए प्रिंटिंग प्रेस के अलावा वह विभिन्न गतिविधियों का संचालन करना चाहती है।”
एनसीयूआई ने पत्र में आगे लिखा कि, “यदि एनसीयूआई केवल प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करती है तो यह स्थायी नहीं हो सकता है। सहकारी समितियों को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य गतिविधियों का संचालन हम लोग यहां से करना चाहते हैं। हमे इस प्लॉट पर कौशल विकास और उद्यमिता के लिए सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने की अनुमति दी जाए।
सौभाग्य से नोएडा अथॉरिटी ने एनसीयूआई के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अपने पत्र में इसने लिखा कि, “प्रिंटिंग प्रेस स्थापित करने के अलावा एनसीयूआई को कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करने के लिए अनुमति दी जाती है।”
नोएडा अथॉरिटी ने अनुमति कई शर्तों के साथ दी है जिसमें कहा गया है कि शीर्ष निकाय को अपनी प्रस्तावित गतिविधियों को शुरू करने के लिए समयसीमा पूरी करनी होगी।