अहमदाबाद स्थित आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के लीगल सेल के एक अधिकारी अतीज नाइक ने भारतीय सहकारिता को सूचित किया कि, एबीपी न्यूज की ओर से आदर्श क्रेडिट कॉपरेटिव सोसायटी के खिलाफ खबर प्रकाशित करने हेतु सोसायटी ने एबीपी न्यूज के खिलाफ कानूनी नोटिस जारी किया है।
“हमारे अध्यक्ष (मुकेश मोदी) ने शाखाओं के प्रत्येक ग्राहक को संतुष्ट करने के निर्देश दिये हैं और इसलिए हम पिछले 3-4 दिनों से सदस्यों को संतुष्ट करने में जुटे हुए हैं, नाइक ने भारतीय सहकारिता के फोन कॉल का जवाब देने में देरी के बारे में समझाते हुए कहा।
“लेकिन स्थित अब सामान्य हो गई है। अब आदर्श क्रेडिट की किसी भी शाखा में आप जाकर देख सकते हैं लोगों को उनका पैसा वापस भी दिया जा रहा है साथ ही लोग पैसा जमा भी करवा रहे हैं, “नाइक ने एबीपी न्यूज की ओर से प्रकाशित खबर के मद्देनजर लोगों को भुगतान किये जाने की बात कबूली।
पाठकों को याद होगा कि क्रेडिट सहकारी क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी में हुई वित्तीय अनियमितताओं को एबीपी न्यूज़ पर एक विशेष कार्यक्रम के दौरान पुण्य प्रसून बाजपेयी ने उजागर किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, सोसायटी ने 20 लाख से ज्यादा निवेशकों से 8400 करोड़ रुपये से अधिक इकट्ठा किया है और यह पैसा आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी के अध्यक्ष मुकेश मोदी के दोस्तों और रिश्तेदारों द्वारा चलाई जा रही शेल कंपनियों में हस्तांतरित किया गया है।
एबीपी न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि, आदर्श क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी की बैलेंस शीट की माने तो सोसायटी के बैंक में जमा सिर्फ 131.63 करोड़ रुपये हैं जबकि इसके पास 9639 करोड़ रुपये से ज्यादा निवेशकों का पैसा है। रिपोर्ट के मुताबिक- बाकी पैसा कहां गया एक बड़ा सवाल खड़ा करता है।
मीडिया रिपोर्ट के चलते आयकर विभाग के अधिकारियों ने आदर्श क्रेडिट की कई शाखाओं में छापा मारा। इसको नायक ने स्वीकार करते हुए कहा कि, “हम आईटी के अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहे हैं और उन्हें सभी दस्तावेज दिये जा रहे हैं”। आईटी ने जयपुर, सिरोही, अजमेर समेत 20 से अधिक स्थानों पर छापा मारा है।
नायक ने बताया कि “2010 में भी आईटी ने छापा मारा था, जिसमें हमने सहयोग किया था लेकिन सोसायटी में कोई वित्तीय अनियमितताओं नहीं पाई गई”। इस बार भी आप देखना हमारे खिलाफ कुछ भी नहीं साबित होगा, नायक ने भरोसा जताया।
सूत्रों का कहना है कि एबीपी न्यूज की पूरी रिपोर्ट क्रेडिट सोसायटी के पूर्व कर्मचारियों, जिन्हें हाल ही में इस्तीफा देने के लिए कहा गया है द्वारा लीक की गई थी।”स्वार्थ में अंधे लोगों ने कंपनी को बदनाम करने की कोई भी कसर नहीं छोड़ी और पूरी रिपोर्ट बकवास है। सहकारी समिति ईमानदारी से अपना व्यापार कर रही है, ये मैं आपको भरोसे से कह सकता हूं” आदर्श क्रेडिट के एक कर्मचारी ने जोर देकर कहा।
सच कुछ भी हो लेकिन आदर्श क्रेडिट सोसायटी अभी भी कई सवालों के घेरे में है। इसे लोगों को बताना होगा कि क्या वास्तव में एक परिवार के सदस्यों के नाम पर इतनी सारी कंपनियां चल रही हैं? यदि ऐसा है तो यह निंदाजनक है क्योंकि सहकार भारती ने शुरुआत से ही सहकारी समितियों में इस प्रवृत्ति का विरोध किया है।
इसके अतिरिक्त, यदि आदर्श क्रेडिट सोसायटी एक जिम्मेदार सहकारी संस्था है तो इसे अपनी बैलेंस शीट की व्याख्या करनी होगी जो 131 करोड़ रुपये की जमा राशि और 9000 करोड़ रुपये से ज्यादा की देनदारी दिखाती है। आदर्श को परियोजनाओं के पूर्ण विवरणों को समझाना होगा जिसमें निवेशकों के 8400 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। सोसायटी को ये भी बताना होगा कि क्या ये कंपनियां आदर्श क्रेडिट सोसायटी की सदस्य हैं?
इन तमाम प्रश्नों के संतोषप्रद जवाब से ही सदस्यों को संदेह खत्म हो पाएगा और उनके बीच आत्मविश्वास पैदा होगा। इस बीच लीगल सेल के अधिकारी ने उच्च अधिकारियों से बातचीत करने के बाद भारतीय सहकारिता को सभी विवरण देने का वादा किया है। अगर आदर्श क्रेडिट सोसायटी जांच में खरी नहीं उतरती तो यह वास्तव में देश के सहकारी आंदोलन के लिए बहुत बुरा होगा। हम अभी भी आशा करते हैं कि आदर्श क्रेडिट सोसायटी अपने आप को जल्द ही निर्दोष साबित करेगी।