दिल्ली में नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा सोमवार को आयोजित 19 वें वैकुंठभाई मेहता मेमोरियल व्याख्यान के अवसर पर बोलते हुए, देश के उपराष्ट्रपति श्री वेंकैया नायडू ने देश में पब्लिक प्राइवेट कॉपरेटिव पार्टनरशिप मॉडल की बात की।
“मैं पारंपरिक पीपीपी मॉडल से अलग विकास का एक नया मॉडल प्रस्तावित करता हूं और वो है पब्लिक प्राइवेट कॉपरेटिव पार्टनरशिप”, उपराष्ट्रपति श्री नायडू ने कहा जिसे दर्शकों ने तालियाँ बजाकर स्वागत किया।
इससे पहले भारतीय सहकारिता को दिये एक साक्षात्कार के दौरान सहकार भारती के संरक्षक सतीश मराठे ने भी 2016 में ऐसे ही विचार पर जोर दिया था।
इस मौके पर उपराष्ट्रपति ने पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी जोर दिया और कहा कि ये सहकारी आंदोलन की सफलता के लिए महत्वपूर्ण हैं। एनसीयूआई स्वर्गीय वैकुंठभाई मेहता की याद में नियमित रूप से वैकुंठभाई मेमोरियल व्याख्यान का आयोजन करती है।
इस मौके पर श्री नायडू ने स्कूल पाठ्यक्रम में सहकारिता के विषय को शामिल करने की बात कही। “स्कूल पाठ्यक्रम में सहकारी समितियों पर एक अध्याय होना चाहिए”, उन्होंने कहा।
नायडू ने जोर दिया कि यदि सहकारी आंदोलन मजबूत है तो यह कृषि क्षेत्र को मजबूत करेगा। उन्होंने सहकारी समितियों को बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि अधिक से अधिक किसानों को इन समितियों का हिस्सा होना चाहिए ताकि उपज के उचित मूल्य के अलावे कई और सुविधा उन्हें मिल सके। इस मौके पर उन्होंने अमूल का भी उदाहरण दिया।
उन्होंने कहा कि कई जिला सहकारी बैंकों की हालत कुप्रबंधन की वजह से संकट में है सहकारिता के सिद्धांत में कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर वैकुंठभाई मेहता को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करनी है तो उनके सिद्धांतों का पालन करना होगा।
केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि जमीन के विखंडन में वृद्धि, उत्पादकता में कमी, संसाधनों में कमी जैसी समस्यों के निदान के लिए सहकारी समितियों को आगे आने की जरूरत है।
शेखावत ने राष्ट्र के निर्माण में सहकारी समितियों का अहम योगदान माना।
डॉ चंद्रपाल सिंह यादव, एमपी (राज्यसभा) और एनसीयूआई, अध्यक्ष ने इस अवसर पर कहा कि श्वेत क्रांति, हरित क्रांति में सहकारिता ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि यदि युवा सहकारी समितियों से जुडते हैं तो उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे। उन्होंने सहकारी समितियों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।