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एनसीसीई ने मत्स्य सहकारी समितियों को पेशेवर बनाने पर दिया जोर

एनसीयूआई की प्रशिक्षण विंग एनसीसीई ने हाल ही में नई दिल्ली में मत्स्य सहकारी समितियों के अध्यक्ष और निदेशकों के लिए मछली पालन के आधुनिकीकरण और व्यावसायीकरण पर एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में तेलंगाना, कर्नाटक और असम से प्रतिभागियों ने भाग लिया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य सहकारी समितियों के अध्यक्ष और निदेशकों के कौशल में विकास करना था ताकि वे व्यावसायिक ढंग से अपनी सहकारी समितियों को चला सके।

इस मौके पर प्रतिभागियों को अन्य प्रतिभागियों के साथ कामकाज में उत्पन्न चुनौतियों और मुद्दों पर चर्चा करने के लिए मंच प्रदान किया गया था। मत्स्य पालन क्षेत्र से जुड़े कई विषयों पर कार्यक्रम में विचार-विमर्श हुआ।

एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी एन सत्यनारायण ने कार्यक्रम का उद्घाटन किया और कहा कि मत्स्य पालन क्षेत्र अच्छे दामों पर  गुणवत्ता मछली प्रदान करने में अहम भूमिका निभा रहा है और सुझाव दिया कि आने वाले वर्षों के लिए हर सोसायटी को व्यवसाय योजना बनानी चाहिए।

प्रशिक्षण के दौरान, फिशकोफॉड के प्रबंध निदेशक बी.के. मिश्रा ने मत्स्य पालन सहकारी समितियों के विकास में फिशकोफॉड की भूमिका को रेखांकित किया। एनसीडीसी, मुख्य निदेशक बी पिल्लई ने मछुआरों की सहकारी समितियों के लिए योजनाओं और मछली पालन के लिए अभिनव तरीकों पर एक सत्र को संबोधित किया।

कोर्स के दौरान विशेषज्ञों और संकाय सदस्यों द्वारा कई अन्य प्रासंगिक विषयों पर भी चर्चा की गई। इसके अलावा सहकारी समितियों और मूल्यों,  मत्स्य पालन सहकारी समितियों के लिए बीमा योजनाएं, सहकारी प्रबंधन इत्यादि के बारे में विस्तृत चर्चाएं हुईं।

अपने संबोधन में एनसीसीई के निदेशक डॉ वी के दुबे ने कहा कि पाठ्यक्रम के दौरान प्राप्त ज्ञान को प्रतिभागियों को अपने कामकाज में इस्तेमाल करना चाहिए।

एनसीसीई के सहायक निदेशक अनंत दुबे ने कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समन्वयित किया।

 

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