ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड (एचएससीएआरडीबी) के दिन लद गए हैं क्योंकि राज्य का वित्त विभाग अब इसकी निरंतरता कर पक्ष में नहीं है।
ऋण की वसूली के मामले में इसके खराब रिकॉर्ड को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार या तो बैंक को बंद कर देगी या हरियाणा राज्य सहकारी सर्वोच्च बैंक लिमिटेड (हार्को बैंक) के साथ विलय कर देगी।
सूत्रों से पता चला है कि बैंक का एनपीए 2,600 करोड़ रुपये पार कर चुका है। वहीं लगभग 7.25 लाख किसान बैंक के साथ ग्राहकों के रूप में जुड़े हुए हैं।