नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक्स (नेफ्सकॉब) ने पिछले सप्ताह मुंबई के जाने-माने होटल में अपनी वार्षिक जनरल मीटिंग का आयोजन किया जहां संस्था के लिए दो नए उपाध्यक्ष को चुना गया। टीम में दो नए उपाध्यक्ष आने के बाद उपाध्यक्ष की तादात पांच हो गई है।
चुनाव में बिहार स्टेट कॉपरेटिव बैंक के चेयरमैन रमेश चौबे को नोर्थ ईस्ट से चुना गया वही पोखरियार को दूसरे उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। इस बीच चौबे ने भारतीय सहकारिता से बातचीत में बताया कि ”मुझे सर्वसम्मति से पांच राज्यों से चुना गया है, जिनमे बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और अंडमान और निकोबार शामिल है”।
इन दोनों पदों के लिए ई-मेल के माध्यम से कई नामांकन दाखिल किए गए थे, लेकिन जब पिछले हफ्ते मुंबई के कोहिनूर कॉन्टिनेंटल होटल में वार्षिक जेनरल मीटिंग का आयोजन किया तब तस्वीर कुछ और थी। ढ़ाई साल के बाद फिर से संस्था का उपाध्यक्ष बनाए जाने से उत्साहित होकर चौबे ने कहा कि, चंद्र पाल सिंह यादव और बीजेंद्र सिंह समेत कई वरिष्ठ सहकारी नेताओं ने वोट देने से बचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और चुनाव को सर्वसम्मति से कराने पर काम किया।
नेफस्कॉब की बोर्ड में 22 सदस्य होते हैं और चौबे अगले पांच वर्षों तक उपाध्यक्ष के रुप में बने रहेंगे। हालांकि नेफस्कॉब की वेबसाइट अभी तक अपडेट नहीं हुई है जिसमें 16.09.2016 को गठित कार्यकारी समिति के सदस्यों के नाम का प्रकाशन किया गया था। “यह सीधे-सीधे संस्था के एमडी बी सुब्रमण्यम के कामकाज पर उंगली उठाना है जो विदेश यात्रा और मंहग रात्रिभोज करने में व्यस्त रहते है”, एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर कहा।
नेफस्कॉब की स्टेट कॉपरेटिव बैंकों की शीर्ष संस्था है जिसकी स्थापना 1964 में हुई थी। गुजरात के दिग्गज नेता दिलीप संघानी संस्था के चेयरमैन हैं वहीं भीमा सुब्रमण्यम ने रिटायर होने से मना कर दिया और वह इसके मैनेजिंग डायरेक्टर बने रहेंगे। नेफस्कॉब का उद्देश्य राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों से जुड़े मामलों में अवाजा उठाना है।
रमेश चौबे ने महसूस किया कि आरबीआई द्वारा 13.67 करोड़ रुपये की छूट पाने के उनके प्रयासों की सराहना उन सदस्यों ने की थी जिन्होंने मुझे समर्थन देने के लिए उपयुक्त माना था। बता दें कि चौबे आरबीआई के साथ इस मुद्दे को हल करने में केंद्रीय राज्य मंत्री संतोष गंगवार द्वारा निभाई गई भूमिका का जिक्र करना नहीं भूले।
इस बैठक में पुरस्कार वितरण समारोह का भी आयोजन किया गया था। जिसमें तेलंगाना राज्य सहकारी सर्वोच्च बैंक लिमिटेड (टीएससीएबी) ने देश के 32 एससीबी के बीच पहला पुरस्कार जीता था। यह पुरस्कार बैंक के अध्यक्ष कोंडुरु रविंदर राव और प्रबंध निदेशक डॉ. नेठी मुरलीधर, ने टीएससीएबी की तरफ से प्राप्त किया।
इसी तरह जिला सहकारी केंद्रीय बैंक (डीसीसीबी), करीमनगर को 371 डीसीसीबी और पीएसीएस में सभी क्षेत्रों में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए तीसरा पुरस्कार दिया गया। वहीं तदला रामपुर (डीसीसीबी निजामाबाद से मान्यता प्राप्त) ने देश में 93,367 पीएसीएस में से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पीएसीएस को दूसरे पुरस्कार विजेता के रूप में सुभाष यादव पुरस्कार से सम्मानित किया गया।