भारतीय सहकारिता से बाचतीत में जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने कहा कि देश में ऊंट के दूध के उत्पाद में अमूल को अच्छे परिणाम मिले हैं और ऊंट के दूध उत्पाद जल्द ही ऑनलाइन खुदरा विक्रेताओं को उपलब्ध होंगे।
ऊंट दूध प्रयोग से आय उत्पन्न करने में मदद मिलेगी और गुजरात के भुज और कच्छ क्षेत्रों में ऊंट से जीवन यापन करने वालों की अर्थव्यवस्था सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी, उन्होंने आगे कहा।
प्रयोग की सफलता से प्रोत्साहित, जीसीएमएमएफ देश भर में ऊंट का दूध और उसे बनी चॉकलेट को बाजार में लेकर आएगी। देश में ऊंट के दूध की साल 2000 से बिक्री हो रही है जब सुप्रीम कोर्ट ने इसके पक्ष में फैसला सुनाया था।
2016 में जब फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दूध को खाद्य पदार्थ के रूप में मान्यता दी थी तब अमूल ने बड़े पैमाने पर ऊंट के दूध और चॉकलेट का उत्पादन शुरू किया था। गुजरात में 10,000 से अधिक ऊंट पहले से ही जीसीएमएमएफ के कार्यक्रम का हिस्सा हैं।