मंगलवार शाम महाराष्ट्र से गुजरात और गुजरात से दिल्ली तक सहकारी क्षेत्र से जुड़े लोगों के बीच उत्साह की लहर दौड़ गई और इसका कारण था सहकार भारती के संरक्षक सतीश मराठे का भारतीय रिजर्व बैंक की केंद्रीय बोर्ड में शामिल होना।
इस बाबत निकाले गये अधिसूचना में आरबीआई ने कहा कि “हमें वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी अधिसूचना एफ संख्या 14/216 बीओआई दिनांक 7 अगस्त 2018 की एक प्रति अग्रेषित करने में बहुत खुशी हो रही है कि आपको भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम 1934 की धारा 18 (1) (सी) के तहत 7 अगस्त 2018 से आरबीआई की केंद्रीय बोर्ड में निदेशक के रूप में नामांकित किया जाता है।”
चूंकि उस वक्त मराठे ट्रेन से यात्रा कर रहे थे जिसके चलते भारतीय सहकारिता ने अथक प्रयास के बाद उनसे संपर्क साधा। उन्होंने कहा, “हां मुझे संबंध में 6 बजे आरबीआई की तरफ से कॉल प्राप्त हुआ जब में पुणे से ट्रेन पर सवार हो रहा था। उनके द्वारा भेजे गए ई-मेल को पढ़कर मैं आपसे बात करूंगा”, मराठे ने कहा।
मराठे को भारतीय रिजर्व बैंक की बोर्ड में निदेशक के रूप में शामिल किया गया है। केंद्रीय बोर्ड में अपने क्षेत्र में देश के दिग्गज सदस्य हैं। केंद्रीय बोर्ड में टाटा संस बोर्ड के अध्यक्ष नटराजन चंद्रशेखरन, हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के पूर्व छात्र, भारत नरोत्तम दोशी, प्रसिद्ध भारतीय कृषि अर्थशास्त्री डॉ अशोक गुलाटी सरीखे लोग हैं।
मराठे ने अपने पूरे जीवन में निस्सवार्थ भाव से देश में सहकारी आंदोलन को मजबूत बनाने की कोशिश की है और यह भी एक कारण है कि उनके दोस्त सोशल मीडिया पर उनकी नियुक्ति का जश्न जोर-शोर से मना रहे हैं। मराठे का फेसबुक वॉल बधाई के संदेश से भरा हुआ है। आपको बता दें कि मराठे ने सहकारी क्षेत्र के जाने-माने दिग्गज स्वर्गीय लक्ष्मणराव इनामदार के साथ भी काम किया है।
मराठे ने भारतीय सहकारिता को बातचीत में कहा कि, “मैं सहकारी समितियों के लिए काम करूंगा और देखूंगा कि कैसे भारतीय रिजर्ब बैंक की नीतियां सहकारी समितियों के अनुकूल हो सकती है।
उनके नियुक्ती का जश्न मनाते हुए मराठे के निकटतम दोस्त और सहकार भारती के अध्यक्ष ज्योंतिंद्र मेहता ने कहा कि आरबीआई बोर्ड में मराठे के होने से सहकारी समितियों को उच्चतम स्तर पर अपनी आवाज मिलेगी।
सहकारी नेताओं का हमेशा यह मानना रहा है कि कॉर्पोरेट बैंकों की तुलना में आरबीआई सहकारी क्षेत्र के साथ सौतेला व्यवहार करती है। मराठे खुद आरबीआई को कई ऐसे मुद्दों पर पत्र लिखते रहे हैं। “अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह बोर्ड में रहकर कैसा प्रदर्शन करते है, सहकारी बैंक से जुड़े एक अधिकारी ने कहा।
मराठे राजकोट नागरिक सहकारी बैंक सहित कई यूसीबी की बोर्ड पर हैं जिसमें से एक राजकोट स्थित आरएनएसबी बैंक है। मंगलवार शाम को सोशल मीडिया पर उनकी नियुक्ति की खबर वायरल करने वाला पहली संस्था आरएनएसबी बैंक ही था। उसके बाद उनकी फेसबुक वॉल पर बधाई संदेश का तांता लग गया।
मराठे, केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह के भी करीबी माने जाते हैं और कहा जाता है कि सहकारी क्षेत्र से जुड़े मुद्दों पर सिंह अक्सर उनकी राय लेते हैं। आपको बता दें कि मराठे वही शख्स है जिन्होंने इफको के मंच से पब्लिक-प्राइवेट-कॉपरेटिव-पार्टनरशिप के विचार की वकालत की थी। बाद में भारत के उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने दिल्ली में एनसीयूआई के एक समारोह को संबोधित करते हुए वही बात कही थी।