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नेफेड बोर्ड मेंबर अपने अध्यक्ष के बचाव में उतरे

नेफेड के वरिष्ठ उपाध्यक्ष दिलीप संघानी के बाद संस्था के दूसरे उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह मीडिया रिपोर्टों के मद्देनजर नेफेड के अध्यक्ष वी आर पटेल के बचाव में उतरे हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, अध्यक्ष पटेल के भतीजे को गुजरात पुलिस ने मुंगफली में मिट्टी और बजरी मिलाने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

भारतीय सहकारिता की रिपोर्ट “नेफेड: अध्यक्ष का भतीजा गिरफ्तार; इस्तीफे की मांग” पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए सुनील ने कहा कि पटेल खुद एक ईमानदार व्यक्ति हैं और उनके ऊपर लगे ऐसे आरोपों का कोई मतबल नहीं है। किसी के उपनाम का एक जैसा होने का मतलब यह नहीं कि वह पटेल का भतीजा है क्योंकि उपनाम वाले सभी लोग रिश्तेदार नहीं होते हैं। पाठकों को पता हो कि इस पूरे मामले में गुजरात पुलिस ने मगन जलावाडिया को मुख्य आरोपी के रूप में नामित किया है।

तेजी से बदलते घटनाक्रम में इस बीच वी आर पटेल जो कि कांग्रेस पार्टी के सदस्य हैं उन्होंने पार्टी से इस्तीफ दे दिया। उनके बचाव में उतरे राज्य के कांग्रेस प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा कि पटेल ने खुद इस्तीफा दिया है और उन पर पार्टी का कोई दबाव नहीं था। हालांकि कांग्रेस के नेताओं ने दिलीप संघानी के इस्तीफे की मांग की है और कहा कि उपाध्यक्ष होने के नाते उनकी जिम्मेदारी बनती है और उन्हें इस्तीफा देना चाहिए।

पटेल के इस्तीफे पर कांग्रेस से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए भाजपा मंत्री आर.सी.फल्दू ने पटेल से नेफेड के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफे की मांग की है। फल्दू ने कहा कि मुख्य आरोपी उनका भतीजा है। फल्दू ने नेफेड पर लगे कथित आरोपों को केंद्रीय कृषि मंत्री को अवगत कराने की बात भी कही।

एक ओर राज्य स्तर पर, भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है दूसरी ओर दिल्ली में सहकारी और भाजपा नेता संघानी कांग्रेस नेता वी आर पटेल के समर्थन में खड़े हुए हैं। कांग्रेस के होते हुए भी उसी तरह पटेल संघानी को समर्थन दे रहे हैं।

इसे विन्यास से समझाते हुए नेफेड के उपाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि, “सहकारी नेता भले ही अलग-2 पार्टियों के हों लेकिन वे सहकारी समितियों में आते ही एक ही रंग में रंग जाते हैं और वो है सहकारिता का उत्थान। आपको बता दें कि इस मुद्दे पर पूरा बोर्ड नेफेड के अध्यक्ष के पक्ष में खड़ा है। हम उन्हें हर कीमत पर समर्थन देंगे क्योंकि वे बेहद ही ईमानदार शख्स है, सुनील ने कहा जो कि खुद बिहार विपणन सहकारी समिति बिस्कोमॉन के अध्यक्ष हैं। उन्होंने आगे कहा कि पटेल एक सावधान व्यक्ति है जो कई मुद्दों पर अपने साथियों को भी आगाह करते रहते हैं। हम उन्हें एक ईमानदार सहयोगी मानते हैं, उन्होंने रेखांकित किया।

हालांकि सुनील ने यह भी स्वीकारा कि नेफेड के कुछ अधिकारियों के काराण यह स्थित पैदा हुई है। बात दें कि एग्री स्टार नामक कंपनी को मूंगफली की गुणवत्ता को प्रमाणित करने का काम दिया गया था और इस मामले में इसका नाम बार-बार आ रहा है।

हम में से किसी भी सहकारी नेता ने कभी एग्री स्टार के किसी भी प्रतिनिधि से मुलाकात नहीं की है और यह एजेंसी ज्यादातर नेफेड के अधिकारियों से संपर्क में रहती है। हमें यह भी नहीं पता कि इस एजेंसी को किसने काम दिया और उसने कैसे धोखाधड़ी की, यह सवाल आप नेफेड के अधिकारियों से पूछेंगे तो बेहतर होगा, उपाध्यक्ष ने कहा।

“मेरा विश्वास कीजिए कि हम लोग टाई-अप एपिसोड के बाद सावधान हो गए हैं और कोई भी सहकारी नेता गलत काम करने का प्रयास नहीं करेगा; वह युग खत्म हो गया है, सुनील ने कहा।

पाठकों को याद होगा कि गुजरात पुलिस ने हाल ही में गुजरात स्टेट कॉपरेटिव कपास फेडरेशन लिमिटेड (गुजकोट) के गोदाम प्रबंधक सहित कई लोगों को किसानों से खरीदी गई मूंगफली में मिट्टी मिलाने को लेकर हिरासत में लिया है।

पुलिस ने पेधला गांव के गोदाम में रखी 31,000 मूंगफली के बोरों में मिलावट करने के संबंध में शिकायत दर्ज की थी। इस मामले में मुख्य आरोपी मगन जलावाडिया को मूंगफली के बोरों में मिट्टी और बजरी मिलाने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।.

 

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