मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जुगनाथ ने देश में सहकारी आंदोलन को तेज करने की बात की है। जुगनाथ ने ये बात नेशनल कॉपरेटिव कॉलेज के उद्घाटन समारोह में कही। यह कॉलेज सहकारी क्षेत्र को पेशेवर बनाने के लिए प्रशिक्षण और शैक्षणिक कार्यक्रम प्रदान करेगा।
इस अवसर पर भारत से भी सहकारी नेताओं की एक टीम उपस्थित रही। नेशनल कॉपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया और मॉरीशस कॉपरेटिव एलायंस लिमिटेड ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहकारी सिद्धांतों और मूल्यों को दो देशों के बीच मजबूत करने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किये।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी एन सत्यनारायण ने एनसीयूआई की तरफ से एमओयू पर हस्ताक्षर किया है क्योंकि संस्था के अध्यक्ष चंद्रपाल सिंह यादव राज्यसभा सेशन मे होने के चलते मॉरीशस नहीं जा सके। हालांकि सत्यानरायण कई सहकारी नेताओं के साथ मॉरीशस गए थे जिनमें दिलीप संघानी और के शिवदासन नायर शामिल थे।
भारत के सहाकरी नेताओं ने अपनी यात्रा के दौरान नेशनल कॉपरेटिव कॉलेज के उद्घाटन समारोह में भाग लिया। इस कॉलेज का उद्घाटन मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रवीण कुमार जुगनाथ ने कई मंत्रियों की उपस्थिति में किया। नेशनल कॉपरेटिव कॉलेज सहकारी समितियों को पाठ्यक्रम प्रदान करेगा और इस क्षेत्र के विकास के लिए उद्यमशील दृष्टिकोण को बढ़ावा देगा, आधिकारिक सूत्रों ने बताया।
सरकार सहकारिता के क्षेत्र में नए और पुराने उद्यमियों को फायदा पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है।
पीएम जुगनाथ ने रेखांकित किया कि मॉरीशस का सहकारी आंदोलन जो पहले गन्ना उद्योग पर केंद्रित था आज क्रेडिट यूनियनों, परिवहन, हस्तशिल्प, वित्त, कृषि और मत्स्य पालन सहित अन्य क्षेत्रों में अपने व्यापार को बढ़ा रहा है।
उन्होंने सहाकरी समितियों को मजबूत बनाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा कि पर्यावरण को बचाने के लिए भी सहकारिता एक कारगर माध्यम है। प्रधानमंत्री ने रेखांकित किया कि करीब 1 अरब रुपये से 12,000 बेरोजगार लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रशिक्षण देने की योजना है।
एनसीयूआई और मॉरीशस कॉपरेटिव एलायंस के साथ समझौता ज्ञापन से दोनों देशों का आईसीए में घनिष्ठ समन्वय की संभावना बढ़ी है। इससे दोनों देशों की सहकारी समितियों के बीच द्विपक्षीय सहकारी संबंधों को प्रोत्साहन मिलेगा।