वित्त वर्ष 2017-18 में आर्थिक माहौल उत्साहवर्धक नहीं होने के बावजूद भी, महाराष्ट्र स्थित जनसेवा सहकारी बैंक, पुणे ने अच्छा प्रदर्शन किया है और लाभ और एडवांस – दोनों क्षेत्र में वृद्धि दर्ज की है। यह बात बैंक के अध्यक्ष सीए प्रदीप जगताप ने बैंक की 46वीं एजीएम के दौरान पुणे के एक सभागार में साझा की।
“बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 में 15.36 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है जो कि वित्त वर्ष 2016-17 में 14.85 करोड़ रुपये था। जबिक बैंक के एडवांसेज 2016-17 में 1253.57 करोड़ रुपये थे और वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 1255.68 करोड़ रुपये हो गए हैं”, उन्होंने बताया।
वहीं बैंक का डिपोजिट जो वित्त वर्ष 2016-17 में 1763.32 करोड़ रुपये था वो बढ़कर 2017-18 में 1795.67 करोड़ रुपये हो गया है। भुगतान पूंजी बढ़कर 46.59 करोड़ रुपये हो गई है।
“पिछले वित्त वर्ष 2017-18 में उधारकर्ताओं द्वारा ऋण का भुगतान काफी धीमी गति से हुआ है। इसलिए शुद्ध एनपीए 1.76 प्रतिशत से बढ़कर 2.89 प्रतिशत हो गया है। हालांकि एनपीए को कम करने के लिए बोर्ड के सदस्यों काफी प्रयास कर रहे हैं। बैंक का एनपीए 2017-18 में 97.48 करोड़ रुपये रहा है।
बैंक ने बीमा कारोबार से 50.77 लाख का कमीशन अर्जित किया है। मैक्स लाइफ इंश्योरेंस, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड, रेलिगेयर हेल्थ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस ने बैंक की शाखाओँ को भी सम्मानित किया है, उन्होंने गर्व से कहा।
बैंक के अध्यक्ष ने कहा कि, “बैंक का सपना नए मुख्यालय का जल्द ही साकार होने वाले हैं और हम इस वित्त वर्ष के दौरान नए ऑफिस में प्रवेश कर जाएंगे”, उन्होंने बताया।
बैंक ने अपने शेयरधारकों को 10 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की है। आज तक, बैंक का 25 एटीएम का नेटवर्क है और 80,000 से अधिक ग्राहक रुपे डेबिट कार्ड सुविधा का उपयोग कर रहे हैं और 9,000 से अधिक ग्राहक आईएमपीएस सुविधा का लाभ उठा रहे हैं।
इस अवसर पर बैंक के सीईओ जोशी विनायक, बोर्ड के सदस्य, सैकड़ों प्रतिनिधि समेत अन्य उपस्थित थे।
बैंक की स्थापना 24 अक्टूबर, 1972 को स्वर्गीय मामा साहिब हजारे के नेतृत्व में 56 हजार रुपये से हुई थी।