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नेफेड त्यागपत्र मामला: बोर्ड मीटिंग में ठाकुर को नहीं मिला कोई समर्थक

गुजरात में हुए मूंगफली घोटाले के चलते उम्मीद जताई जा रही थी नेफेड की बोर्ड की बैठक में काफी हंगामा होगा लेकिन सरकारी नॉमिनी अशोक ठाकुर के अलावा सभी बोर्ड के सदस्य अपने अध्यक्ष वी.आर.पटेल के समर्थन में कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। बोर्ड की बैठक का आयोजन पिछले सप्ताह दिल्ली के आश्रम चौक स्थित नेफेड मुख्यालय में हुई थी।

भारतीय सहकारिता से बातचीत में बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य चंद्रपाल सिंह यादव ने कहा कि, “बैठक में सामान्य रूप से व्यापार के बारे में चर्चा हुई। एकाध लोग को छोड़कर नेफेड की पूरी बोर्ड वी.आर पटेल के पक्ष में है, यादव ने अशोक ठाकुर का नाम लिए बिना यह बात कही।

बैठक में हुई चर्चा का जिक्र करते हुए नेफेड के सरकारी नॉमिनी आशोक ठाकुर ने कहा कि, “मैं ने पटेल की अध्यक्षता का विरोध किया और इस बाबत एक लिखित पत्र भी प्रस्तुत किए जिनमें कई ऐसे मुद्दे हैं जिसका जबाव मौजूदा चेयरमैन के पास नहीं है।”

ठाकुर ने कहा कि गुजरात में मूंगफली घोटाले के मद्देनजर हुई गिरफ्तारी में नेफेड के अध्यक्ष की भागीदारी सामने आई है। “गुज्कोट मैनेजर के अलावा, हाल ही में भर्ती हुए पटेल के रिश्तेदार जिग्नेश की भी गिरफ्तारी हुई है। जिग्नेश को हाल ही में नेफेड में गलत तरीके से भर्ती किया गया था। मैंने इस भर्ती का विरोध भी किया था”, ठाकुर ने इस संवाददाता को इससे जुड़े दस्तावेज सौंपने की बात भी कही।

भारतीय सहकारिता ने जब ठाकुर से पूछा कि इस मुद्दे पर कितने बोर्ड के सदस्यों ने उन्हें समर्थन दिया तो अफसोस जताते हुए ठाकुर ने कहा कि हालांकि बोर्ड में 6-7 भाजपा के सहकारी नेता हैं लेकिन दिलीप संघानी के अलावा इस बोर्ड की बैठक में कोई भी मौजूद नहीं थे।

नेफेड के अध्यक्ष वी आर पटेल के समर्थकों में से एक सुनील कुमार सिंह भी बैठक में भाग नहीं ले सके क्योंकि उनके विमान को आने में देरी हो गई थी, भारतीय सहकारिता को सूत्रों ने बताया।

पाठकों को याद होगा कि गुजरात में नेफेड द्वारा मूंगफली की खरीद में 4000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। हालांकि ज्यादातर सहकारी नेता स्थानीय भाजपा नेताओं को इसके लिेए दोषी मानते हैं लेकिन नेफेड की एक एजेंसी एग्री स्टार भी विवाद में घिरी हुई है। इस घोटाले में हुई गिरफ्तारी में कई लोग नेफेड अध्यक्ष के रिश्तेदार भी माने जा रहे हैं। 

इस घोटाले से होने वाले राजनीतिक नुकसान के मद्देनजर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने इस मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है।

दिल्ली में नेफेड के सरकारी नॉमिनी अशोक ठाकुर अकेले यह मुद्दा उठा रहे हैं जबकि भाजपा नेता और नेफे़ड के उपाध्यक्ष संघानी, वी आर पटेल के समर्थन में खड़े हैं। चंद्रपाल, बिजेन्द्र सिंह और सुनील सिंह- हर कोई पटेल के पक्ष में खड़े हैं। 

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