बिहार स्थित विपणन सहकारी संस्था बिस्कोमॉन ने किसानों की उमड़ी भीड़ को यूरिया मुहैया कराने के लिए अपने केंद्रों में महिलाओं को नौकरी दी है। बता दे कि बिस्कोमॉन राज्य में किसानों को गुणवत्ता यूरिया कम दम पर बेचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सहकारी मॉडल तभी सफल होगा जब महिलाएं और युवा सहकारिता में आगे आएंगे। बिस्कोमॉन ने सूनिश्चित किया है कि केंद्रों में महिलाओं को रोजगार दिया जाए, सुनील ने अपने बात को साबित करने के लिए बिस्कोमॉन केंद्रों में कार्यरत महिलाओं की कई तस्वीरें भी साझा की।
बिस्कोमॉन के राज्यभर में करीब 145 केंद्र हैं और इन केंद्रों पर सुबह से लेकर रात तक यूरिया खरीदने के लिए किसानों की भारी भीड़ उमड़ पड़ती है। अब हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन की मदद की मांग कर रहे हैं, सुनील ने कहा।
बिस्कोमॉन के एक अधिकारी ने बताया कि, “भारी भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर सेल काउंटर के अधिकारीगण आये दिन अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक को फोन करते हैं। भीड़ को नियंत्रित करने को लेकर पर्याप्त पुलिस बल की मांग फिर संस्था के अध्यक्ष सीधे डीएम और एसपी से फोन पर बात करके कोशिश करते हैं, स्थिति सचमुच भयावह है“ , उसने जोड़ा।
बात-चीत आगे बढ़ाते हुए सुनील सिंह ने कहा कि, केंद्रों पर किसानों की भीड़ के उमड़ने का मतलब है बिस्कोमॉन के यूरिया की गुणवत्ता और दर पर किसानों का अटूट विश्वास। “हम इफको ब्रांड का यूरिया बेचते हैं और हम पूरे राज्य में इसे कम से कम दाम पर बेचते हैं, सिंह ने रेखांकित किया। यहां तक कि हमने उसके लिए पुरस्कार भी घोषित किया है जो साबित करे कि उसने बिस्कोमॉन केंद्र से एक रुपये अधिक दाम पर भी यूरिया खरीदा हो।
भारतीय सहकारिता ने हाल ही में एक खबर प्रकाशित की थी जिसका शीर्षक “बिस्कोमॉन ने यूरिया की बिक्री का रिकॉर्ड तोड़ा, इफको को दिया धन्यवाद” था। इस कहानी में हमने अपने पाठकों को बताया था कि कैसे बिहार की विपणन सहकारी संस्था ने यूरिया की रिकॉर्ड तोड़ बिक्री की है।
फोन पर बातचीत में बिस्कोमॉन के अध्यक्ष सुनील कुमार सिंह ने कहा कि, “बिस्कोमॉन के 70 साल के इतिहास में 14 अगस्त 2018 को यूरिया की खुदरा बिक्री में भारी इजाफा देखने को मिला और यह 3.51 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड को पार कर गया- ये अभूतपूर्व काम दुनिया की सबसे बड़ी उर्वरक सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी और मार्केटिंग डायरेक्टर योगेन्द्र कुमार और उनकी टीम के समर्थन के कारण ही संभव हुआ है“, सिंह ने गदगद स्वर में स्वीकारा था।