अन्य खबरें

सहकारिता से ज्यादा सरकार को क्लबों की है चिंता : सुरेश, एनसीबी बैंगलोर

नेशनल कॉपरेटिव बैंक, बैंगलोर के अध्यक्ष सुरेश ने कहा कि सरकार सहकारिता से ज्यादा कल्बों के प्रति सहानुभूति शील होती है। सहकारिता के संदर्भ में म्यूच्योलिटी का सिद्धांत कहां हैं, उन्होंने पूछा।

दिल्ली में पिछले हफ्ते शीर्ष निकाय नेफकॉब की एजीएम के दौरान सुरेश ने कहा कि, “लाभांश का सबसे बड़ा हिस्सा, हम आयकर के रूप में देते हैं। हकीकत में, हम अपनी आय का 60 प्रतिशत कर के रूप में भुगतान करते हैं और इसे 34 प्रतिशत मात्र कहना सरासर गलत है, सुरेश ने कहा। 

सुरेश ने अपने बैंक नेशनल कॉपरेटिव बैंक, बैंगलोर के बारे में संक्षिप्त विवरण दिया और कहा कि आठ वर्षों में यूसीबी का व्यापार 8 करोड़ से बढ़कर 3500 करोड़ रुपये का हो गया है। लेकिन कर्नाटक की सरकार राज्य सहकारी आंदोलन को कमजोर करने में तुली है।

सुरेश ने कहा कि 97 वें संवैधानिक संशोधन के सभी लाभ व्यर्थ जा रहे हैं क्योंकि सरकार द्वारा सहकारी समितियों पर आए दिन नियमों को लागू किया जाता रहता है। यहां तक कि वे कर्मचारी की भर्ती के मामलों में भी हस्तक्षेप करते हैं और अच्छे कर्मचारी के बारे में हमें पाठ पढ़ाते हैं, सुरेश ने कहा।  

उन्होंने आरबीआई की ओर से आने वाली समस्याओं को भी मंच से रेखांकित किया और कहा कि सीए होने के नाते मुझे पता है कि यूसीबी पर कई प्रतिबंध हैं जो वाणिज्यिक बैंकों के ऊपर नहीं हैं।

 

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close