अगर पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में लक्ष्मणराव इनामदार शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया था, तो शुक्रवार को गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और राज्य के दिग्गजों ने अहमदाबाद के दिनेश हॉल में आयोजित समापन समारोह में भाग लेकर इस समारोह का अंत किया। इनामदार ने गुजरात में आरएसएस प्रचारक के रूप में कई साल बिताए थे।
इस समारोह का आयोजन सहकार भारती, गुजरात राज्य सहकारी बैंक और गुजरात शहरी सहकारी बैंक संघ द्वारा आयोजित किया गया था। इस अवसर पर सहकार भारती के संरक्षक सतीश मराठे को आरबीआई की केंद्रीय बोर्ड में निदेशक बनाए जाने को लेकर भी सम्मानित किया गया।
इस मौके पर विजय रूपाणी के अलावा, हरिभाऊ बागदे, अध्यक्ष, महाराष्ट्र विधान सभा, पुरुषोत्तम रुपला, केंद्रीय मंत्री, अजय पटेल, वरिष्ठ सहकारी नेता, मंगल जित राय, अध्यक्ष, नेशनल कॉपरेटिव डेयरी फेडरेशन के साथ-साथ कई बैंकों के अध्यक्ष और निदेशक मौजूद थे।
सहकार भारती संरक्षक सतीश मराठे के अलावा, सहकार भारती का प्रतिनिधित्व ज्योतिंद्र मेहता, डॉ उदय जोशी, संजय पचपोर, प्रोफेसर जिततुभाई व्यास और कंटिभाई पटेल ने किया। गुजरात राज्य के अधिकतर सहकारी नेताओं ने समारोह में भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि केवल सहकारी क्षेत्र में वकील साहेब के योगदान को सीमित करना ठीक नहीं होगा। एक असली आरएसएस प्रचारक के रूप में उन्होंने राज्य में संघ के नेटवर्क को खड़ा किया और इसके दायरे को बढ़ाया।
रूपाणी ने यह भी स्पष्ट किया कि वकील साहेब कभी प्रत्यक्ष रूप से सहकार भारती का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उनके मार्गदर्शन के कारण इसका शानदार विकास हुआ है! रूपाणी ने कहा, “उनका जन्म रुशी पंचमी में हुआ था और कोई आश्चर्य नहीं कि वह एक आधुनिक संत थे।” सहकारिता के बारे में बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारिता में न्यायसंगत विकास की क्षमता है।
इनामदार को याद करते हुए सहकार भारती के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने कहा कि वकील साहेब ने हमेशा महसूस किया कि एक राष्ट्र को मजबूत होने के लिए इसके निचले वर्ग के लोगों को मजबूत होना होगा। मेहता ने कहा, अमीरी और गरीबी के बीच का अंतर सहकारी मॉडल द्वारा आसानी से पाटा जा सकता है। मेहता ने बताया कि वकील साहेब सहकारी सोच के दार्शनिक थे और आज इसका परिणाम राज्य और राष्ट्र-भर में एक मजबूत सहकारी आंदोलन के रूप में देखा जा सकता है।”
सहकार भारती की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला ने कहा कि एक विनम्र सहकारी नेता (सतीश मराठे) द्वारा आरबीआई निदेशक के उच्च सीट पर आसीन होना वकील साहेब के लिए एक वास्तविक श्रद्धांजलि है। उन्होंने सहकार भारती को विभिन्न गतिविधियों को चलाने के लिए प्रशंसा की।
इस मौके पर सहकार भारती के संरक्षक सतीश मराठे ने इतिहास को याद करते हुए कहा कि वर्ष 1978 में वकील साहेब ने उन्हें महाराष्ट्र से गुजरात, गोवा से कर्नाटक होते हुए पूरे देश में सहकारिता का अलख जगाने का काम सौंपा था। आज उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों को छोड़कर, सहकार भारती ने देश के लगभग 500 जिलों को कवर किया है, मराठे ने संतोष के साथ कहा।
मराठे ने कहा कि समाज में न्यायसंगत विकास के लिए आर्थिक और कानूनी दोनों तरीकों से सहकारी क्षेत्र को मजबूत करने की आवश्यकता है। “हम राज्य सरकारों से सहकारी क्षेत्र में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस मानदंडों को लागू करने का अनुरोध कर रहे हैं”, मराठे ने जोड़ा।
इस अवसर पर बोलते हुए महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागदे ने कहा कि सहकारिता क्षेत्र में जब समस्या आती थी तो इनामदार साहेब सक्रिय हो जाते थे और उन्होंने ईमानदार, सक्रिय और समर्पित श्रमिकों का एक नेटवर्क खड़ा किया।
वकील साहेब के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी इस अवसर पर दिखाई गई।