मुश्किलों के बावजूद, जनता सहकारी बैंक, पुणे ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान अच्छा प्रदर्शन किया है। बैंक के एनपीए में कमी आई है और वित्त वर्ष 2016-17 की तुलना में वित्त वर्ष 2017-18 में बैंक ने अधिक लाभ कमाया है। यह घोषणा पुणे के प्रोग्रेसिव एजुकेशन सोसायटी सभागार में आयोजित 69वीं एजीएम के दौरान की गई।
एजीएम को संबोधित करते हुए, बैंक के अध्यक्ष संजय मुकुंद लेले ने कहा कि, “हाल ही में संपन्न हुआ वित्त वर्ष 2017-18 अर्बन कॉपरेटिव बैंकों के लिए चुनौतीपूर्ण था। हमारा डिपोजिट जो कि वित्त वर्ष 2016-17 के अंत तक 8,472.36 करोड़ रुपये था वह बढ़कर वित्त वर्ष 2017-18 में 8,544.84 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। डिपोजिट के क्षेत्र में बैंक ने 0.85 प्रतिशत वृद्धि की है, लेले ने रेखांकित किया।
जनता सहकारी बैंक की उपलब्धि इसलिए भी उल्लेखनीय है क्योंकि विमुद्रीकरण और जीएसटी के कार्यान्वयन की वजह से सभी नोन शेड्यूल्ड बैंकों की जमा राशि में इस वित्तीय वर्ष में लगभग 277 करोड़ रुपये की कमी आई है, उन्होंने एक स्टडी का उल्लेख करते हुए कहा।
अध्यक्ष ने आगे कहा कि, “मुश्किलों के बावजूद भी हम कुल एनपीए को 6.92 प्रतिशत पर लाने में सफल हुए हैं। टीम के प्रयासों को सराहते हुए लेले ने कहा कि बैंक ने सकल और शुद्ध एनपीए को कम करने में अच्छा प्रदर्शन किया है। बैंक का वित्त वर्ष 2016-17 में सकल एनपीए 8.99 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 4.89 प्रतिशत था जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में घटकर सकल एनपीए 6.92 प्रतिशत और शुद्ध एनपीए 4.44 प्रतिशत पर आ गया है।
बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 में 38.11 करोड़ रुपये का लाभ अर्जित किया है जो कि वित्त वर्ष 2016-17 में 36.11 करोड़ रुपये था। बैंक की अग्रिम मार्च 2018 तक 5705.46 रुपये था।
इस बीच, बैंक ने 6 प्रतिशत लाभांश देने की घोषणा की है। इस वित्त वर्ष के दौरान बैंक ने नरहे, अम्बेगाव और बिबवाड़ी में शाखाएं खोली थी। वर्तमान में बैंक की 71 शाखाएं और दो एक्टेंशन काउंटर हैं।
बैंक के अध्यक्ष ने बताया कि, “बैंक ने वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान वॉलेंटरी चैरिटेबल संगठन को 75,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की थी, जिसने डेक्कन जिमखाना टीम औ उरी (कश्मीर) टीम के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन किया था।“
इस अवसर पर बैंक के उपाध्यक्ष जगदीश लक्ष्मणराव कदम, सीईओ जयंत ककटाकर, शेयकधारकों समेत अन्य लोग मौजूद थे।