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नेशनल कॉपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया की ट्रेनिंग विंग एनसीसीई ने एनसीएचएफ के सहयोग से नई दिल्ली में तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में हाउसिंग सहकारी समितियों के अध्यक्ष और निदेशकों को ट्रेन किया गया।
एक प्रेस रिलीज के मुताबिक कार्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रशिक्षित करना और उनके कौशल को परिमार्जित करना था ताकि वे अपनी सहाकरी समितियों को सही ढंग से चला सके।
इसके अलावा, सहकारी क्षेत्र से जुड़े विषय जैसे निर्माण में नई प्रौद्योगिकियों, भारत में किफायती आवास को बढ़ावा देने में नेशनल हाउसिंग बैंक की भूमिका, हाउसिंग सोसायटी के विवादों को निपटाना और इस क्षेत्र से जुड़ी तमाम समस्याओं और चुनौतियों पर भी लंबी चर्चा हुई।
इस कार्यक्रम में देश-भर के कई राज्यों से आए 40 निदेशक समेत अन्य लोगों ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए, मुख्य कार्यकारी अधिकारी एनसीयूआई ने कहा कि, “हमे गर्व होना चाहिए कि हमारे देश का सहकारी आंदोलन दुनिया का सबसे बड़ा आंदोलन है जिसमें करीब 8 लाख सहकारी समितियां शामिल है। हाउसिंग सहकारी समितियां 1980 के दशक से विशेष रूप से निचले और मध्यम वर्ग के परिवारों के लिए किफायती आवास प्रदान करने में सक्षम रही है और सरकार के कदम “सभी के लिए आवास” को समर्थन देने में सक्रिय है।
सत्यनारायण ने प्रतिभागियों को अपने काम काज में पारदर्शी और ईमानदारी बरतने का आग्रह किया।
एनसीएचएफ के मुख्य कार्यकारी एन.एस.मेहारा ने सहकारी क्षेत्र के नेताओं, सदस्यों और कर्मचारियों को गुणवत्ता प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए एनसीयूआई की ट्रेनिंग विंग एनसीसीई की भूमिका की सराहना की।
एनसीसीई के निदेशक डॉ वी.के.दुबे ने जोर देकर कहा कि आवास सहकारी क्षेत्र का सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र है और सरकारी सहानुभूति, धन की कमी आदि जैसी चुनौतियों का सामना करने के लिए संपूर्ण सहकारी आंदोलन द्वारा सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम श्रीमती संध्या कपूर, डिप्टी डायरेक्टर, एनसीसीई ने समन्वित किया था।