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छत्तीसगढ़ में भी डीसीसीबी बैंकों के विलय का प्रयास

छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार द्वारा राज्य के डीसीसीबी बैंकों के विलय की समाचार पर सहकार भारती चुप्पी साधे हुई है। इससे पहले सहकार भारती ने केरल में डीसीसीबी बैंकों के विलय के मुद्दे का जमकर विरोध किया था और वामपंथी सरकार की आलोचना की थी।

पाठकों को बता दें कि भारतीय रिज़र्व बैंक ने हाल ही में राज्य के छह डीसीबीबी बैंकों का विलय छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के साथ करने पर अपनी मंजूरी दे दी है। इस खबर की पुष्टि राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष अशोक बजाज ने की है। इन छह डीसीसीबी में रायपुर, दुर्ग, राजनांदन, जगदलपुर, अंबिकापुर, बिलासपुर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक का नाम शामिल हैं।

इस संवाददाता से बात करते हुए अशोक बजाज ने ये बात मानी और कहा, “हां, आरबीआई ने शीर्ष बैंक के साथ छह डीसीसीबी बैंकों का विलय करने पर अपनी मंजूरी दी है और विलय की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इन बैंकों की संपत्ति और देनदारियों को समीक्षा के बाद इन्हें शीर्ष बैंक को सौंपा जाएगा”।

अतीत में राज्य के भाजपा सहकारी सेल का नेतृत्व करने वाले अशोक दाबास ने रमन सिंह सरकार द्वारा डीसीसीबी बैंकों का विलय करने के विचार का विरोध किया। उन्होंने इस संवाददाता से कहा कि अभी न्यायपालिका का दरवाजा बंद नहीं हुआ है और हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

सहकार भारती के अधिकारियों ने अभी तक इस पर अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी है। छत्तीसगढ़ के यह सभी छह डीसीसीबी बैंक लाभ में हैं और अपने संबंधित जिलों में अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम हैं। इन डीसीसीबी बैंकों में लगभग तीन हजार से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।

इन बैंकों के सदस्य चार लाख से अधिक किसान हैं। बजाज ने बताया कि इन बैंकों की राज्य भर में 250 से अधिक शाखाएं हैं।

निर्वाचन आयोग ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों को घोषणा की है। मतदान 12 और 20 नवंबर को 90 सीटों के लिए दो चरणों में होगा। विलय की प्रक्रिया चुनाव के बाद ही पूरे होने की संभावना है, एक सहकारी नेता ने बताया।

हाल ही में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अटल नगर में राज्य सहकारी बैंक की नव निर्मित मुख्यालय का उद्घाटन किया था। इस अवसर पर राज्य विधानसभा के स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल सहकारिता मंत्री दयालदास बागेल और कई अन्य लोग उपस्थित थे।

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