नेशनल कोआपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया की शिक्षा विंग एनसीसीई ने हाल ही में नई दिल्ली में सहकारी समितियों की अध्यक्ष और महिला निदेशकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं को विभिन्न विषयों जैसे सहकारी विचारधारा, मीडिया की भूमिका, आईटी का उपयोग, सोसायटी के वित्तीय विवरणों आदि को समझाने का था।
इसके अलावा, विशेषज्ञों ने महिला सहकारी नेताओं के विकास में राष्ट्रीय महिला कोष की भूमिका पर लंबी चर्चा करते हुए इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
इस कार्यक्रम में असम, पश्चिम बंगाल, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कई राज्यों की सहकारी समितियों के निदेशक मंडल से 39 निर्वाचित बोर्ड के सदस्य उपस्थित थे।
कार्यक्रम का उद्घाटन डॉ वी के दुबे, निदेशक एनसीसीई ने किया। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि भारत का सहकारी आंदोलन दुनिया में सबसे बड़ा आंदोलन है और 8 लाख सहकारी समितियां देश में कार्यरत हैं जो समाज के हर क्षेत्र में कार्य कर रही हैं।
महिलाओं की ईमानदारी की सराहना करते हुए उन्होंने सभी महिला प्रतिभागियों से उनकी सहकारी समितियों को गहराई से समझने का आग्रह किया ताकि वे सफल संस्थाएं बन सकें।
प्रतिभागियों ने एनसीसीई को इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए धन्यवाद दिया और सभी विषयों को प्रासंगिक और योजनाबद्ध पाया। प्रतिभागियों के बीच प्रमाणपत्र भी वितरित किया गया।
कार्यक्रम श्रीमती संध्या कपूर, उप निदेशक, एनसीसीई द्वारा सफलतापूर्वक समन्वित किया गया।