दिग्गज सहकारी नेता स्वर्गीय रमनिकभाई धामी को याद करने के लिए हाल ही में राजकोट स्थित हेमगुधवी हॉल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी मुख्य अतिथि थे।
इस अवसर पर बोलते हुए रूपाणी ने धामी के सहकारिता क्षेत्र समेत सामाजिक जीवन के विभिन्न क्षेत्र में योगदान की प्रशंसा की। रमनिकभाई धामी को राजकोट बैंक की स्थापना का श्रेय दिया जाता है जिसे राज बैंक के नाम से भी जाना जाता है।
स्वर्गीय धामी कृभको के उपाध्यक्ष थे और इफको समेत नेफकॉब के निदेशक भी रहे चुके। उन्होंने कई अन्य शीर्ष सहकारी संगठनों में अपनी सेवाएं भी प्रदान की है।
इस अवसर पर सहकारी संस्थाओं की शीर्ष संस्था एनसीयूआई के अध्यक्ष डॉ चंद्र पाल सिंह यादव भी उपस्थित थे। सिंह ने समारोह की अध्यक्षता की और रमनिकभाई धामी के सहकारी आंदोलन में योगदान को याद करते हुए उनकी भूमिका की सराहना की।
कर्नाटक के राज्यपाल श्री वजुभाई वाला ने भी समारोह में शिरकत की और दिग्गज सहकारी नेता के बारे में अपने विचार साझा किया।
समारोह का आयोजन राजकोट बैंक के सीईओ और उनके बेटे कमल धामी ने किया, जिन्होंने बताया कि कैसे उनके पिता रमनिकभाई ने राज बैंक की स्थापना की जो उनके द्वारा स्थापित मूल्य पर चलते हुए आज सफलता की सीढ़ी लांघ रही है।
भारतीय सहकारिता से राजकोट के एक सहकारी नेता ने कहा कि, “स्वर्गीय रमनिकभाई धामी के नेतत्व में बैंक ने सफलतापूर्वक 33 साल पूरे किए हैं और पिछले पांच सालों से उनके बेटे कमल धामी मुख्य विकास अधिकारी के रूप में सफलतापूर्वक इसका संचालन कर रहे हैं”।
बैंक की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, इस समारोह की थीम, “श्री रमनिकभाई धामी के जीवन और उनको याद करना” था। श्री रमनिकभाई धामी एजूकेशन और चैरिटेबल ट्रस्ट के प्रबंध निदेशक कमलभाई धामी ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया।
“इस कार्यक्रम में पूरे देश से सहकारी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति देखी गई जिसमें डॉ बिजनेंद्र सिंह, वाघजीभाई बोडा, डॉ सुनील कुमार सिंह, ज्योतिंद्र मेहता, जयेश राडियाडिया, दिलीपभाई संघानी, नरहरि अमीन , परेशभाई पटेल, भीखाभाई पटेल, सिबी मोनिपली, डॉलारभाई कोटेचा, डीके सखीया और अन्य ने शिरकत की।
समारोह में देवेंद्रभाई देसाई, नरेशभाई पटेल, (खोदल्धम) मौलेशभाई उकीनी (उमियाधम), अंजलिबेन रूपाणी, गोविंदभाई पटेल, मांडहाटसिंह जडेजा जैसे प्रसिद्ध व्यक्ति भी उपस्थित थे।
लोकप्रिय वक्ता जय वासवदा ने श्रोताओं के सामने रमनिकभाई धामी के जीवन को वर्णित किया। “समारोह के बाद साइराम डेव द्वारा मनोरंजक कार्यक्रम आयोजित किया गया। पूरे कार्यक्रम को सफलतापूर्वक प्रबंधन ट्रस्टी श्री कमलभाई धामी ने स्वयं प्रबंधित किया”,विज्ञप्ति में दावा किया गया।