कर्नाटक की सौहार्द सहकारी समितियों ने हाल ही में बैंगलोर में एक छत के नीचे बैठकर आयकर से जुड़ी समस्याओं से निजात पाने पर विचार-विमर्श किया। इस बैठक का आयोजन कर्नाटक राज्य सौहार्द संघीय सहकारी संस्था ने किया।
बैठक की अध्यक्षता सौहार्द सहकारी संस्था के अध्यक्ष बी.एच कृष्णा रेड्डी ने की और 200 से अधिक सौहार्द सहकारी समितियों के लगभग 400 प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।
अपने विचार व्यक्त करते हुए सहकारी समितियों ने आयकर अधिनियम में विशिष्ट स्पष्ट प्रावधान की मांग की ताकि वे बिना किसी कठिनाई के कर का भुगतान कर सकें। प्रतिनिधियों ने पूछा कि जब आयकर का भुगतान करने के लिए सहकारी समितियों को छूट है तो आईटी अधिकारी सौहार्द सहकारी अधिनियम को इस तरह से परिभाषित क्यों कर रहे हैं कि सहकारी समितियों को अनावश्यक नोटिस जारी किए जाते हैं। सहकारी समितियों का विचार था कि यदि उन्हें कर के रूप में सदस्यों की जमा राशि का भुगतान करना है तो उन्हें अपने संगठनों को बंद करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
इस बैठक में प्रतिभागियों को सौहार्द प्रतिनिधिमंडल ने शीर्ष संस्था द्वारा किए गए कार्यों के बारे में अवगत कराया। बता दे कि हाल ही में सौहार्द सहकारी संस्था के उच्च नेताओं ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राज्य वित्त मंत्री शिवप्रताप शुक्ला, सीबीडीटी अध्यक्ष सुशील चंद्रा से मुलाकात की थी और आयकर से जुड़ी समस्याओं के बारे में बताया था। प्रतिनिधिमंडल ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर उन्हें भी समस्याओं से अवगत कराया था।
सौहार्द सहकारी संस्थाएं चाहती हैं कि कर्नाटक सौहार्द सहकारी अधिनियम में संशोधन किया जाए और अध्यादेश के माध्यम से शब्द “सोसायटी” / सोसायटीज को सौहार्द सहकारी के साथ जोड़ा जाए। कर्नाटक सरकार ने जल्द ही एक अध्यादेश जारी करने पर सहमति जताई है।
कई सहकारी नेता जैसे सौहार्द सहकारी संस्था के उपाध्यक्ष जगदीश कवागतगिमत और निदेशक गुरुनाथ जंतिकर, बी. एस गुंडोराव, ए आर प्रसन्नकुमार, संजीव महाजन, श्रीमती सरस्वती, बी राजशेखर, वाई.टी. पैयल और प्रबंध निदेशक शरणागौड़ा जी पाटिल बैठक में उपस्थित थे।
चार्टर्ड एकाउंटेंट मधुकर हेगड़े, बालासुब्रमण्यम, बाहुबली गोराज, उमेश शेट्टी, सतीश नादगौड़ा और वरिष्ठ अधिवक्ता मल्ल रेड्डी, अतुल अलूर और आर.एस. हुच्छचारी, सहकारी समिति के सेवानिवृत्त अतिरिक्त रजिस्ट्रार और अन्य लोगों ने बैठक में भाग लिया।
बैठक की मुख्य बिंदु हैं
1. सौहार्द सहकारी अधिनियम में संशोधन के लिए अध्यादेश लाने का वादा किया गया।
2. सीबीडीटी द्वारा दिए गए स्पष्टीकरण के बारे में सभी सौहार्द सहकारी समितियों को सूचित करना।
3. केएसएसएफसीएल सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालय में आईटी मामलों के समाधान देने के लिए परामर्श देगा और संघीय सहकारी समितियों के साथ हाथ मिलाने के लिए सौहार्द सहकारी समितियों का गठन करना चाहिए।
4. सौहार्द संघीय उन सभी सौहार्द सहकारी समितियों को कानूनी सलाह देगा जिन्हें आयकर से जुड़े नोटिस और आदेश मिले हैं।
5. सौहार्द सहकारी संस्था संबंधित जिलों में समस्याओं के समाधान के लिए अधिवक्ताओं और चार्टेड एकाउंटेंट्स की एक सूची तैयार करेगी।
6. एसोसिएट सदस्यों और नाममात्र सदस्यों के साथ व्यापार केवल अधिनियम के प्रावधान के साथ सख्ती से किया जाना है।
7. सौहार्द सहकारी समितियों को गैर-सदस्यों (ई-स्टांपिंग, एयर और बस टिकट बुकिंग, बीमा आदि) के साथ व्यापार के संबंध में अपने उप-नियमों में संशोधन करना होगा क्योंकि यह समुदाय के लिए सेवा है और सोसायटी के लिए व्यवसाय नहीं है।
8. उपरोक्त मांगें अगर पूरी नहीं होती तो राज्य की सौहार्द सहकारी समितियों द्वारा राज्य स्तरीय आंदोलन किया जाएगा।