वित्त मंत्रालय की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बात नहीं कही गई है कि बजट कौन पेश करेगा लेकिन 23 जनवरी की देर रात की एक पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक उम्मीद है कि गोयल अंतरिम बजट पेश कर सकते हैं। अंतरिम बजट का प्रस्तुतीकरण 1 फरवरी को होना है।
गौर करने की बात यह है कि सहकारी क्षेत्र की उम्मीदों पर अभी तक अरुण जेटली खरा नहीं उतरे और उम्मीद है कि मोदी सरकार के कार्यकाल का आखिरी बजट सहकारी क्षेत्र के लिए तोहफा लेकर आएगा।
कई नेताओं ने भारतीय सहकारिता को निजी तौर पर बताया है कि अगर पीयूष गोयल नियमित वित्त मंत्री होते तो आयकर के मुद्दों और संबंधित मामलों को हल किया जा सकता था ।
पीयूष गोयल को अरुण जेटली के अस्वस्थ होने के दौरान अंतरिम वित्त मंत्री और कॉर्पोरेट मामलों के अंतरिम मंत्री का भार दिया गया है।
गोयल इससे पहले सहकारी क्षेत्र की मांगों पर विचार करने को तैयार थे, जब वह मई 2018 में तीन महीने की अवधि के लिए वित्त मंत्री बने थे।