उत्तराखंड राज्य सहकारी संघ (यूसीएफ) के पूर्व अध्यक्ष और दिग्गज कांग्रेसी नेता प्रोमोद कुमार सिंह ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि वे यूसीएफ का चुनाव नहीं लड़ेंगे। गौरतलब है कि चुनाव अगले महीने यानि फरवरी के पहले सप्ताह में होना तय है।
“मुझ पर विश्वास करो, मैं चुनाव लड़ने से डर नहीं रहा लेकिन मेरे खराब स्वास्थ्य के चलते मैं चुनाव से दूर रहूंगा’, सिंह ने कहा। सिंह ने यह बात भारतीय सहकारिता के संवाददाता को देहरादून में कही। बता दें कि सिंह एनसीयूआई और इफको दोनों की बोर्ड पर भी हैं।
सिंह ने कहा कि यूसीएफ का कारोबार दिन-प्रतिदिन घटता जा रहा है और संस्था किराए पर कमाए पैसे से चलने को मजबूर हो गई है। कर्मचारियों के वेतन का भुगतान किराए से किया जा रहा है।
यूसीएफ प्रति वर्ष 4 करोड़ रुपये से अधिक का किराया वसूलती है। सिंह को लगभग 6000 वर्ग मीटर के क्षेत्र में संस्था को एक भवन प्रदान करने का श्रेय दिया जाता है। इस भवन का उद्घाटन उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने किया था।
पाठकों को याद होगा कि हाल ही में राज्य की भाजपा सरकार ने चुनाव तक यूसीएफ की कमान बृजभूषण गरोला को सौंप दी है।
सिंह ने दावा किया कि यूसीएफ ने हाल के वर्षों में लगभग 111 करोड़ रुपये का कारोबार किया था और 9 से 10 करोड़ रुपये का लाभ कमाया था ।
सिंह के समर्थकों का मानना है कि भाजपा सरकार ने नियोजित तरीके से उन्हें यूसीएफ से हटाया था। बता दे कि राज्य में सहकारी संस्थाओं की चुनाव प्रक्रिया पिछले साल जुलाई में शुरू हुई थी। अब लेबर, बैंक, हाउसिंग, यूसीएफ और पीसीएफ जैसी शीर्ष सहकारी समितियों का चुनाव बाकी है।
यूसीएफ के पूर्व अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने कहा संस्था का गठन जुलाई 2002 में 12,000 रुपये की शेयर पूंजी से हुआ था।
यूसीएफ पूरे भारत में सरकारी अस्पतालों में आयुर्वेदिक दवा की आपूर्ति करा रहा है क्योंकि इसकी हल्द्वानी के हल्दीचौर औऱ रानीखेत (अल्मोड़ा) में विनिर्माण दवा इकाइयाँ हैं।