इस समिति का गठन एडवोकेट सुस्मिता शहादत के नेतृत्व में किया गया है जो सहकार भारती के कानूनी प्रकोष्ठ की प्रभारी भी हैं। उम्मीद है कि समिति राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान इस विषय पर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। पाठकों को याद होगा कि सहकार भारती ने 16 और 17 फरवरी 2019 को बेलागवी (कर्नाटक) में राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद की बैठक बुलाई है।
पत्र के मसौदा को यदि हम रखें तो सुनील ने कहा है कि “मैं डॉ सुनील कुमार सिंह, बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ लिमिटेड का अध्यक्ष हूं जो कि बिहार का सर्वोच्च सहकारी संस्था है, साथ ही मैं नफेड का उपाध्यक्ष और कृभको में निदेशक के पद पर भी हूं। बिहार में किसानों के कल्याण के लिए बिस्कोमान काम करता है। मेरे जैसे निर्वाचित व्यक्ति को इस बैठक से अलग रखना कहां का न्याय है ”, सुनील ने पूछा।
उसमे आगे कहा गया कि “हाल ही में मेरी अध्यक्षता में बिस्कोमॉन के कड़े परिश्रम के कारण बिहार में फर्टिलाइजर का वितरण एम.आर.पी. के माध्यम से पी.ओ.एस. मशीन से करने में बड़ी सफलता प्राप्त की है बिहार में उर्वरक की कालाबाजारी पर पूरी तरह से लगाम लग गई है।
“मेरा सहकारी क्षेत्र में एक लंबा अनुभव रहा है। विभिन्न अवसरों पर मैं आईसीए (इंटरनेशनल कोऑपरेटिव एलायंस) में भारत की ओर से भी भाग लेता रहा हूं और विभिन्न राष्ट्रीय स्तर के सहकारी संस्थानों (एनसीसीएफ, एनसीयूआई, वैमनीकॉम, नेफस्कॉब आदि) की बोर्ड मीटिंग में भी भाग लेता रहा हूं”, सुनील का दावा है।