फ्री प्रेस जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गोविंद सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर उन्हें राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई कृषि ऋण माफी योजना के मद्देनजर सहकारी निकायों के पास धनराशि की कमी होने से उत्पन्न संकट से अवगत कराया।
कृषि ऋण माफी योजना सहकारी बैंकों और सहकारी समितियों के अस्तित्व को ही समाप्त करने वाली है क्योंकि वे सरकार से नकदी पाने में असफल है।
इस बीच, सहकारी समितियां सरकार के रवैया से काफी नाराज हैं। सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने सरकार द्वारा जल्द भुगतान न करने पर हड़ताल पर जाने की धमकी दी है।
90 फीसदी किसान जिनके कर्ज माफ किये गये हैं वे सहकारी बैंकों और सोसायटियों से जुड़े हुए हैं।