उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दान सिंह रावत जल्द ही बैंक के बढ़ते एनपीए पर लगाम लगाने की रणनीति लेकर आएंगे। वर्तमान में, बैंक का एनपीए 20 करोड़ रुपये से अधिक है।
आपको बता दें कि दान सिंह रावत और महावीर प्रसाद को हाल ही संपन्न चुनाव में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के रूप में चुने गये थे। रावत ने कहा, “चालू वित्त वर्ष के दौरान हमने 16.40 करोड़ रुपये की वसूली की है और जिन लोगों ने अपना कर्ज नहीं चुकाया है, उन्हें नोटिस जारी किया गया है।”
बैंक की ओर से उठाए गए कड़े कदम को रेखांकित करते हुए रावत ने कहा कि, “सरफेसी अधिनियम के तहत, हमने ऋण लेने वाले व्यक्तियों की संपत्ति पर कब्जा किया है और जल्द ही उन्हें नीलाम किया जाएगा। प्रतिशत के लिहाज से बैंक का शुद्ध एनपीए 4.7 प्रतिशत है, उन्होंने बताया।
एनपीए से निपटने के अलावा, बैंक के अध्यक्ष ने बैंक को प्रगति की राह पर ले जाने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए हम अपने ग्राहकों को नेट बैंकिंग और मोबाइल बैंकिंग की सुविधाएं प्रदान करेंगे। उन्होंने कहा कि, ”हमने इस संबंध में आरबीआई को पत्र लिखा है। ”
रावत ने कहा कि किसानों को शून्य ब्याज दर पर 1 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा और किसानों और कर्जदारों की मदद करने के लिए ऋण मेलों का भी आयोजन किया जाएगा।
बैंक अगले वित्तीय वर्ष में रुद्रपुर, हरिद्वार, देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में पांच नई शाखाएं खोलेगा। वर्तमान में बैंक की राज्य भर में 15 शाखाएं हैं।
बैंक की बोर्ड में 13 निदेशक होते हैं, जिनमें से दो निदेशक किरण नेगी और देहरादून डीसीसीबी के अध्यक्ष पुराने निदेशक हैं, जो पूर्व में भी निदेशक रह चुके हैं और बाकी नए लोग हैं।
चुनाव के तुरंत बाद नव निर्वाचित टीम ने राज्य के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत से मुलाकात की थी। सीएम ने टीम को उनकी जीत पर बधाई दी थी। बैंक की बोर्ड का कार्यकाल पांच वर्ष का है।