एजीएम को संबोधित करते हुए, बैंक के अध्यक्ष दान सिंह रावत ने कहा कि, “अब किसानों को प्रशिक्षण पाने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना होगा। बैंक अपना खुद का प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। रावत ने कहा कि हमने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को दिए जाने वाले लाभांश में भी वृद्धि की है। अब यह लभांश 7 प्रतिशत से बढ़कर 7.50 प्रतिशत कर दिया गया है।
इस मौके पर बैंक के एमडी दीपक कुमार ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की और सभा को सूचित किया कि बैंक ने उन 22 लोगों की संपत्तियों पर कब्जा किया है जो लंबे समय से अपना ऋण नहीं चूका रहे हैं। इन संपत्तियों को सरफेसी अधिनियम के तहत लिया गया है।
इस अवसर पर बैंक के उपाध्यक्ष महावीर प्रसाद, निदेशक अमित चौहान, किरण नेगी, गीता रावत और अन्य लोग उपस्थित थे।
इस मौके पर कई प्रतिनिधियों ने प्रबंधन से आग्रह किया कि, बैंक में हुई अनियमितताओं के खिलाफ जांच कराई जानी चाहिए।
इससे पहले भारतीय सहकारिता के साथ बातचीत में उत्तराखंड राज्य सहकारी बैंक के नवनिर्वाचित अध्यक्ष दान सिंह रावत ने बताया था कि कैसे बैंक एनपीए को अगले कुछ वर्षों में कम करने के लिए रणनीति तैयार कर रहा है।
बैंक अगले वित्तीय वर्ष में रुद्रपुर, हरिद्वार, देहरादून, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में पाँच नई शाखाएं खोलने की भी योजना बना रहा है। वर्तमान में बैंक की राज्य भर में 15 शाखाएँ हैं।
हालांकि विवादों के चलते बैंक सुर्खियां बटोरने का कोई मौका नहीं छोड़ता। ऐसी खबरें हैं कि बैंक ने नियमों को ताक पर रखकर शराब और चीनी का कारोबार करने वाली कंपनियों, छोटे और मध्यम किसानों को ऋण दिया था।