इसके बाद अगला चरण में मतदाता की सूची को अंतिम रूप दिया जा रहा है। बता दें कि नवनिर्वाचित महिला अब इफको बोर्ड में एक महिला निदेशक को चुनेंगी। इफको बोर्ड में कई निदेशक दो से अधिक कार्यकाल से भी ज्यादा समय से हैं। एक सूत्र के मुताबिक इनमें से कई शायद इस बार नहीं आ सकेंगे। इसका कारण नवगठित आरजीबी में कई नये लोगों का आना बताया जा रहा हैे। आरजीबी में लगभग 30 प्रतिशत नये लोग हैं।
इफको के एमडी डॉ यू एस अवस्थी ने भी सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी साझा की और लिखा, “14 वीं आरजीबी में भारत के लगभग सभी राज्यों से प्रतिनिधि आए हैं। इस आरजीबी में हमने 5% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की हैं। सभी स्तरों पर उनकी भागीदारी होनी चाहिए। ”
भार्गव ने आगे बताया कि, “गुजरात से दिलीपभाई संघानी, गुजकोमासोल अध्यक्ष, जयेश रादडिया, गुजरात मंत्रिमंडल में मंत्री, कर्नाटक से विधायक श्रीनिवास गौड़ा, इफको के निवर्तमान चेयरमैन बीएसएनकाई सहित कई अन्य दिग्गज सहकारी नेताओं ने इफको आरजीबी में अपनी जगह बनाई है। इफको की आरजीबी में गुजरात से 138 प्रतिनिधि जबकि उत्तर प्रदेश से 122 प्रतिनिधि आए हैं”, ये जारी जानकारी इफको मुख्यालय में इस संवाददाता से भार्गव ने साझा की।
आरजीबी चुनाव के बाद, अब इफको के निदेशक मंडल का चुनाव 10 मई 2019 को होना है। इफको बोर्ड में 21 निर्वाचित निदेशक होते हैं जिनमें से 8 विपणन महासंघ से, 12 अन्य सहकारी समितियों से और एक सीट महिला उम्मीदवार के लिए आरक्षित है।“आरजीबी का चुनाव एक लंबी प्रक्रिया थी लेकिन हमने बिना देरी के इसे निपटाया। पिछले कई महीनों से, हम देश भर में फैली सोसायटियों का डेटाबेस तैयार कर रहे थे, ” भार्गव ने इस संवाददाता को डेटाबेस फ़ाइल दिखाते हुए कहा।