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प्राथमिक सहकारी समितियों पर जोर: एनसीडीसी मिशन मोड में

जैसा कि पहले एनसीडीसी के एमडी सुदीप नायक ने वादा किया था सहकारी ऋणदाता प्राथमिक सहकारी समितियों में उर्जा भरने के लिए तैयार है। इसी दिशा में पिछले सप्ताह गुरुग्राम स्थित लक्ष्मणराव इनामदार अकादमी फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन कॉर्पोरेशन इंस्टीट्यूट में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का विषय “प्राथमिक सहकारी समितियों” को सशक्त बनाना था।

आरबीआई के कार्यकारी बोर्ड के सदस्य और एक प्रसिद्ध सहकारी नेता सतीश मराठे ने समापन समारोह को संबोधित किया। इस समारोह में देश-भर में फैले एनसीडीसी के कई कर्मचारियों ने भाग लिया। कार्यशाला का उद्देश्य प्राथमिक सहकारी समितियों को अपने पैरों पर खड़ा करने के साथ –साथ उन्हें सशक्त बनाना था।

मराठे ने कहा कि देश में प्राथमिक सहकारी समितियों को सशक्त बनाने के विषय पर यह एकमात्र और अनोखी कार्यशाला है। उन्होंने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा कि, “5 अप्रैल 2019 को एनसीडीसी की ओर से गुरुग्राम स्थित लक्ष्मणराव इनामदार अकादमी फॉर रिसर्च एंड डेवलपमेंट इन कॉरपोरेशन इंस्टीट्यूट में भाग लिया और समापन समारोह को संबोधित किया। इस कार्यशाला का शीर्षक “प्राथमिक सहकारी समितियों को सशक्त बनाना था।

अपने भाषण में एनसीडीसी के एमडी सुदीप कुमार नायक ने ग्रामीण भारत में तेजी से विकास के लिए प्राथमिक सहकारी समितियों की ताकत का इस्तेमाल करने पर जोर दिया।

एनसीडीसी के क्षेत्रीय निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए, सतीश मराठे ने कृषि आय को दोगुना करने के लिए प्रत्येक तहसील में कम से कम एक एग्रो प्रोसेसिंग सहकारी संस्था स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि वर्तमान में भारत की कृषि उपज का केवल 18 – 20% हिस्सा  संसाधित किया जा रहा है और कुछ प्रमुख फसलों तक ही सीमित है जैसे कपास, गन्ना और तिलहन।

मराठे ने कहा कि एमएसपी में वृद्धि की कोई भी मात्रा कृषि समुदाय के सामने आने वाली कठिनाइयों को कम नहीं करेगी जब तक कि कृषि-उपज के मूल्य-संवर्धन का पुण्य चक्र नहीं बनता है।

उन्होंने कृषि साक्षरता के प्रसार के लिए एक वृहद कार्यक्रम शुरू करने पर जोर दिया जिसमें कमोडिटी एक्सचेंज, प्राइस डिस्कवरी, ई मंडियों का काम करना आदि शामिल हैं।

नेशनल फेडरेशन ऑफ स्टेट को-ऑप बैंकों के एमडी बी सुब्रमण्यम ने भी कार्यशाला को संबोधित किया और को-ऑप सेक्टर में 3 टयर स्ट्रक्चर की निरंतरता के लिए एक मजबूत दलील दी।

नायक की पहल की सराहना करते हुए, मराठे ने कहा कि “संपूर्ण कार्यशाला की कल्पना और इसका सावधानीपूर्वक निर्वहन एनसीडीसी के एमडी श्री सुदीप कुमार नायक के कुशल मार्गदर्शन में किया गया।”

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