एनसीयूआई की शिक्षा विंग एनसीसीई ने पिछले सप्ताह नई दिल्ली में अपने मुख्यालय में शहरी सहकारी बैंकों के लिए नेतृत्व विकास कार्यक्रम का आयोजन किया था। इस कार्यक्रम में राजस्थान, यूपी, पंजाब, बिहार, तेलंगाना, झारखंड, दिल्ली, कर्नाटक और महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों के 27 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैशलेस डिजिटल बैंकिंग और साइबर सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के साथ उनके नेतृत्व और प्रबंधकीय कौशल को विकसित करना था। हाल ही के दिनों में अर्बन कॉपरेटिव बैंकों पर साइबर अटैक की घटनाएं बढ़ी है और छोटे यूसीबी इससे निजात पाने में सक्षम नहीं हैं।
इस मौके पर प्रतिभागियों को आपस में बातचीत करने के लिए मंच प्रदान किया गया और बैंकों के समुचित कार्य के लिए चुनौतियों और मुद्दों के साथ-साथ उनके समाधान पर चर्चा की गई।
लक्ष्यों को प्राप्त करने और सदस्यों को संतोषजनक सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रभावी संचार और नेतृत्व बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, बैंकिंग क्षेत्र के लिए प्रशिक्षण सामाग्री में विभिन्न विषयों को शामिल किया गया था।
उद्घाटन समारोह में डॉ. वी.के. दुबे, निदेशक- एनसीसीई ने कहा कि शिक्षा और प्रशिक्षण एक सतत प्रक्रिया है। उन्होंने यह भी कहा कि सहकारी बैंकिंग क्षेत्र व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए छोटे व्यापारियों और कमजोर वर्गों को ऋण प्रदान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इस अवसर पर नेफकॉब के निदेशक योगेश शर्मा भी उपस्थित थे।
इनके अलावा, डिजिटल बैंकिंग-कैशलेस ट्रांजेक्शन, रिकवरी चैलेंज, साइबर सिक्योरिटी- इंट्रोडक्शन, शब्दावली, ढांचा और प्रबंधन पर भारत सरकार के विशेषज्ञों और विभिन्न प्रसिद्ध संस्थानों द्वारा विचार-विमर्श किया गया। प्रतिभागियों ने प्रत्येक सत्र में बातचीत की और कुछ सुझाव खोजें।
प्रतिभागियों ने इस कार्यक्रम की सराहना की। इस अवसर पर अनंत दुबे सहायक निदेशक और पाठ्यक्रम समन्वयक ने धन्यवाद ज्ञापन दिया।