आईएएनएस की एक रिपोर्ट के अनुसार, ”राष्ट्रीय कामधेनु आयोग” दिल्ली में नई सरकार से आग्रह करेगी कि वह कृभको और इफको जैसी उर्वरक सहकारी समितियों के लिए यह अनिवार्य करे कि वे अपने कुल वार्षिक उत्पादन का 10 प्रतिशत जैव उर्वरकों का उत्पादन गोबर और गोमूत्र से करें।
आयोग जैव उर्वरकों और जैव कीटनाशकों के उत्पादन में सहकारी समितियों के लिए प्रोत्साहन का सुझाव भी देगा।
आयोग का कहना है कि इससे आयातित उर्वरक पर देश की निर्भरता कम होगी।
आयोग के अध्यक्ष भालभाई कथीरिया के हवाले से कहा गया है कि इस पहल से डेयरी किसानों के लिए बेहतर कीमतें सुनिश्चित होंगी और देश की अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।