कर्नाटक की एक परिवहन सहकारी “सहकारा साराइग” ने राज्य सरकार से मदद की मांग की। यह सहकारी समिति तीन जिलों – चिक्कमगलुरु, शिवमोग्गा और उडुपी में कम से कम 30,000 लोगों की सेवा करती है।
यह सहकारी संस्था 1991 में स्थापित हुई थी। इसके अध्यक्ष ई.एस. धर्मप्पा का कहना है कि यह संस्था 2013 तक अच्छा काम कर रही थी, लेकिन डीजल की बढ़ती कीमतों से संस्था पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है।
सूत्रों का कहना है कि सहकारी ने वित्तीय सहायता के लिए सरकार को पहले ही एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया है। संगठन 76 बसें चलाता है और इसकी संपत्ति 16 करोड़ रुपये है।