पिछले सप्ताह शुक्रवार को सम्पन्न हुए इफको के चुनाव में बी एस नकई को अध्यक्ष और दिलीपभाई संघानी को उपाध्यक्ष के रूप में चुना गया है। इस चुनाव ने सहकारिता जगत में सहयोग और प्रतिस्पर्धा दोनों के अनूठे अस्तित्व को रेखांकित किया है।
प्रमोद कुमार सिंह और प्रेमचंद मुंशी ने नकई और संघानी के नामों का प्रस्ताव रखा था और बोर्ड के सभी नए सदस्यों ने उनके नामों पर मुहर लगाई। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि सहज कार्यवाही इस बात का प्रमाण थी कि ‘कोऑपरेटिव मॉनीटर रिपोर्ट’ में इफको विश्व स्तर पर नंबर एक है।
जैसे ही अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के नामों की घोषणा हुई, उनके समर्थकों ने उन्हें गुलदस्ते देकर बधाई दी। इफको के एमडी डॉ. यू एस अवस्थी समेत अन्य उपस्थित लोगों ने दोनों को बधाई दी। नतीजों के तुरंत बाद मिठाईयां बांटने और सेल्फी लेने का भी दौर शुरू हो गया।
इस मौके पर पंजाब से आए नकई के समर्थकों ने उन्हें माला पहनाकर किरपान देकर उनका सम्मान किया।
पांच सीटों के लिए दो घंटे तक मतदान चला। मतदान केंद्रों के बाहर प्रतिनिधियों की लंबी कतार लगी हुई थी। “भारतीयसहकारिता डॉट कॉम” की टीम ने प्रत्येक मतदान केंद्र का दौरा किया और सहजता से चल रही प्रक्रिया को देखकर काफी चकित थी।
इस मौके पर उम्मीदवार, उनके पोलिंग एजेंट और चुनाव अधिकारी प्रत्येक बूथ पर नजर रखे हुए थे और मतदाता पूरी गोपनीयता से वोट डालने में सक्षम थे। सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से पल-पल की घटना रिकॉर्ड की जा रही थी। कई जगहों पर बड़ी-बड़ी टीवी स्क्रीन लगाई गई थीं, जिससे यह अंदाजा लगाया जा सकता था कि चुनाव एकदम पारदर्शी तरीके से कराया जा रहा है। यह एक अलग तरह का सहकारी चुनाव था।