नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ़ इंडिया (एनसीयूआई) की शैक्षिक शाखा एनसीसीई ने हाल ही में नई दिल्ली में डेयरी सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष और निदेशकों के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
एनसीसीई सहकारी संघों और महासंघों को मजबूत करने के लिए सहकारी प्रबंधन प्रशिक्षण और नेतृत्व विकास कार्यक्रम चलाता है। उपरोक्त कार्यक्रम उसी के क्रम में एक था। एनसीयूआई की एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि इस कार्यक्रम में विभिन्न डेयरी सहकारी समितियों के 26 प्रतिभागियों ने भाग लिया था।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए डॉ. वी.के. दुबे ने भारत में सहकारिता के लिए डेयरी सहकारी समितियों के महत्व और उनके प्रभावशाली व्यवहारों के बारे में बताया। एनसीसीई की उप-निदेशक सुश्री संध्या कपूर ने डेयरी फार्मिंग प्रथाओं/व्यवहारों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने हेतु एनसीसीई में आने के लिए सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम विभिन्न सत्रों में संचालित हुआ जिसमें “निदेशक मंडल की भूमिका और उत्तरदायित्व” के बारे में संध्या कपूर ने चर्चा की जबकि “सहकारिता के मूल्य और सिद्धांत” के बारे में अनन्त दुबे ने बताया और “सहकारी विकास पर एनसीडीसी की डेयरी विकास योजनाओं” पर एस के टक्कर, सलाहकार (एनसीडीसी) ने प्रकाश डाला।
अपने दौरे के दौरान प्रतिभागियों ने मदर डेयरी, पटपड़गंज संयंत्र, नई दिल्ली का दौरा किया। प्रतिभागियों ने मदर डेयरी संयंत्र के संचालन के बारे में ज्ञान इकट्ठा किया।
इसके बाद, प्रतिभागियों ने बालोद जिला सहकारी संघ के सहकारी नेताओं के साथ एक बैठक की, जिन्होंने प्रतिभागियों को सहकारी समितियों में उनके जीवन के अनुभवों और भारत में डेयरी सहकारी समितियों में सुधार सम्बंधी विचारों से अवगत कराया।
बैठक की अध्यक्षता एनसीयूआई के सीईओ एन.सत्यनारायण ने की और डॉ. वी.के. दुबे ने नेताओं का धन्यवाद किया एवं भारत में डेयरी सहकारी समितियों की भूमिका और प्रगति पर बहुमूल्य जानकारी प्रदान की।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डॉ. भूषण त्यागी, सहायक आयुक्त, एएचडीडी (भारत सरकार) ने अपने प्रेरक व्याख्यान से श्रोताओं/प्रतिभागियों को लाभान्वित किया। उनके व्याख्यान का विषय “पशुपालन और डेयरी विकास तथा सहकारिता प्रबंधन के लिए भारत सरकार की योजनाएं और नीतियां” था। एनसीसीई के निदेशक डॉ. वी.के. दुबे द्वारा डेयरी सहकारी समितियों पर विशेष ध्यान आकर्षित किया गया।