
अमूल ब्रांड के नाम से उत्पाद बेचने वाली जीसीएमएमएफ के प्रबंध निदेशक आर एस सोढ़ी ने “भारतीयसहकारिता.कॉम” से बातचीत में कहा कि जीसीएमएमएफ वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कारोबार में 20 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद कर रही है।
सोढ़ी का कहना है कि पिछले साल डेयरी ने 13 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी। उन्होंने आगे कहा कि क्रय-शक्ति में बढ़ोत्तरी और बेहतर बुनियादी ढाँचे से वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा।
सूत्रों का कहना है कि जीसीएमएमएफ के लिये यह एक आसान लक्ष्य है क्योंकि उसने अप्रैल में टर्नओवर में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी। एमडी का मानना है कि कंपनी द्वारा लॉन्च किये गये कोल्ड पेय से उसे अपने कारोबारी लक्ष्य हासिल करने में मदद मिल सकती है।
मार्च, 2019 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में जीसीएमएमएफ का वार्षिक कारोबार लगभग 33,000 करोड़ रुपये का रहा लेकिन सहकारी का लक्ष्य इसे अगले कुछ वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये तक ले जाने का है।
सोढ़ी का दावा है कि जीसीएमएमएफ ने बहुत कम समय में ही भारत के डेयरी क्षेत्र में धाक जमाई है। “दुग्ध क्रांति के जनक वर्गीज कुरियन ने यह परिवर्तन लाने में मुख्य रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वर्तमान में, जीसीएमएमएफ से जुड़े 18 डेयरी यूनियन सदस्य हैं जो 18,700 गांवों में सक्रिय हैं”, उन्होंने अपने विश्वस्त सूत्रों की ओर इशारा करते हुए कहा।
पाठक इस बात से अवगत होंगे कि जीसीएमएमएफ अमूल ब्रांड के नाम से अपने उत्पाद बेचता है जिसमें मक्खन, घी, दही, बटर दूध, लस्सी, चॉकलेट समेत अन्य उत्पाद शामिल हैं। सोढ़ी का कहना है कि वह खुद व्यापार में लगातार विविधता लाते रहने के विचार के प्रबल समर्थक हैं।
सोढ़ी ने कहा कि डेयरी क्षेत्र देश में खाद्य उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो लगभग 100 मिलियन डॉलर का है और संगठित क्षेत्र में दूध का उत्पादन 9 करोड़ लीटर का है जो अब से कुछ वर्षों में 30 करोड़ लीटर तक हो सकता है।
अमूल ने हाल ही में “अमूल ट्रू’ ब्रांड के तहत फलों के रस जैसे नए उत्पादों को बाजार में उतारा है। अमूल 2019 के विश्व कप क्रिकेट का भी समर्थन कर रहा है।