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पीएमसी बैंक: गोवा के दो यूसीबी के विलय पर विचार

पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के सीईओ जॉय थॉमस ने ‘भारतीयसहकारिता.कॉम’ संवाददाता से फोन पर कहा कि गोवा के दो अर्बन कॉपरेटिव बैंक जो वर्तमान में वित्तीय संकंट से जुझ रहे हैं, के वित्तीय रिकॉर्ड की जांच करने के लिए एक टीम भेजी गयी है। उन्होंने रेखांकित करते हुए कहा कि इन बैंकों का विलय करने से पहले हम इनके घोटे की जांच कर रहें है ताकि बैंक पर कोई अतिरिक्त बोझ न पड़े। यह दो बैंक मापुसा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक और मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक हैं।

पीएमसी द्वारा दोनों बैंकों के अधिग्रहण के बारे में किसी तरह की बातचीत से इनकार करते हुए थॉमस ने कहा कि मामले को अभी निदेशक मंडल के समक्ष नहीं रखा गया है।

“दोनों बैंकों की गोवा में 30 से अधिक शाखाएँ हैं। आर.बी.आई. ने कई अवसरों पर इन बैंकों पर जारी दिशा-निर्दोशों की अवधि में फेरबदल किया है। पीएमसी बैंक के सीईओ ने दावा किया कि उन्हें इन दोनो बैंकों की वित्तीय पृष्ठभूमि के केवल व्यापक मूल्यांकन में रुचि है।

पीएमसी बैंक की गोवा में 6 और अन्य कई राज्यों में कुल 137 शाखाएँ हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय रिजर्व बैंक ने सबसे पहले 24 जुलाई, 2015 को मापुसा अर्बन सहकारी बैंक पर वित्तीय प्रतिबंध लगाए थे जिसका विस्तार समय-समय पर किया गया था। शुरुआत में ग्राहकों पर 1,000 रुपये से अधिक की निकासी पर रोक लगायी गयी थी, लेकिन फरवरी से इसकी सीमा को 6 महीने की अवधि में 50,000/- रुपये तक की निकासी निकालने की अनुमति दी है। 

आरबीआई ने इसी महीने मडगाम अर्बन कोऑपरेटिव बैंक पर इसी तरह के प्रतिबंध लगाए हैं। आर.बी.आई. ने यह भी कहा है कि अगर किसी भी ग्राहक के पास कोई बकाया ऋण है, तो पहले निकाले जा रहे धन का उपयोग ऋण को चुकाने के लिए किया जाना चाहिए।

इससे पहले गोवा के मापुसा अर्बन कोऑपरेटिव बैंक ने वित्तीय मदद के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया था क्योंकि आरबीआई द्वारा बैंक पर लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंधों से उसकी वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।

आरबीआई ने पहली बार 2014-15 में मडगाम शहरी सहकारी बैंक पर दिशा-निर्देश लागू किए थे और मार्च 2015 को समाप्त वर्ष में सीआरएआर 9.33% से घटकर 3.83% हो जाने के कारण ऋण देने से वंचित किया था।

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