मुंबई में पत्रकारों को संबोधित करते हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक की प्रशासनिक बोर्ड के अध्यक्ष विद्याधर अनास्कर ने कहा कि बैंक ने वित्त वर्ष 2018-19 में 316 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ अर्जित किया है। बैंक के लाभ में 57 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है।
अध्यक्ष ने सूचित किया कि बैंक का डिपोजिट 14,106 करोड़ रुपये से बढ़कर 15,840 करोड़ रुपये हो गया है, जबकि ऋण और अग्रिम 15,992 करोड़ रुपये से बढ़कर 19,700 करोड़ रुपये हो गए और बैंक का सकल लाभ 429 करोड़ रुपये से बढ़कर 563 करोड़ रुपये हो गया।
इस संवाददाता से बातचीत में अनास्कर ने बताया कि देश के कई राज्य सहकारी बैंकों को व्यापार के क्षेत्र में पछाड़ते हुए महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक एशिया का सबसे बड़ा राज्य सहकारी बैंक के रूप में उभरा है। बैंक का कुल कारोबार पिछले वित्त वर्ष 35,540 करोड़ रुपये पर आकर रुका।
उन्होंने आगे कहा कि कृषि आधारित व्यवसाय में जोखिम है इसलिए वह बैंक के व्यवसाय को बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में डाइवर्सिफाई करने की योजना बना रहे हैं। इसके अलावा, बैंक वर्तमान में वित्तीय संकट से जूझ रहे दो अर्बन कॉपरेटिव बैंकों के विलय की प्रक्रिया में है।
इतना ही नहीं, बैंक ने एनपीए को कम करने में भी अच्छा प्रदर्शन किया है। सकल एनपीए 9.91 प्रतिशत से घटकर 7.35 प्रतिशत हो गया जबकि शुद्ध एनपीए 2.48 प्रतिशत से घटकर 1.15 प्रतिशत हो गया है।
बैंक का 4,004 करोड़ रुपये का स्वामित्व फंड उसकी आर्थिक स्थिरता और क्षमता का प्रतीक है, जो उच्चतम न्यायालय के निर्णय के अनुसार 1,049 करोड़ रुपये की सरकारी गारंटी राशि की मदद से 5,000 करोड़ रुपये को पार कर जाएगा।
“4000 करोड़ रुपये की नेटवर्थ पार करने के बाद बैंक सरकारी और अर्ध-सरकारी संस्थानों की जमा राशि स्वीकार करने के लिए पात्र होगा। इसलिए हम निकट भविष्य में बैंक की तीव्र प्रगति की अपेक्षा करते हैं”, अनास्कर ने रेखांकित किया।
पूरे महाराष्ट्र में बैंक की कुल 57 शाखाएँ हैं।
“भारतीयसहकारिता.कॉम” को भेजे एक प्रेस नोट में बैंक ने कहा कि बैंक के उत्थान में विट्ठलदास डी. ठाकरसे, लल्लूभाई समलदास और वैकुंठभाई मेहता जैसे कई महान लोगों का बड़ा योगदान है। इन लोगों ने देश में कई सकारात्मक परिवर्तन लाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। प्रो. धनंजयराव गाडगिल जैसे कई प्रमुख सहकारी नेता बैंक में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, बैंक की प्रशासनिक बोर्ड के सदस्य अविनाश महागांवकर, संजय भेंडे और ए. आर. देशमुख, प्रबंध निदेशक भी उपस्थित थे।