राजस्थान स्थित उदयपुर महिला समृद्धि अर्बन कॉपरेटिव बैंक ने हाल ही में एक बैठक आयोजित की, जिसमें सहकार भारती के प्रमुख नेताओं ने देश में अर्बन कॉपरेटिव बैंकों से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों के बारे में विचार-विमर्श किया।
बैठक की जानकारी देते हुए सहकार भारती, यूसीबी सेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय बिरला ने बताया कि वक्ताओं ने अन्य बातों के साथ-साथ अर्बन कॉपरेटिव बैंकों को शाखाएं खोलने के लिए लाइसेंस प्रदान करने के लिये आरबीआई से आग्रह किया, बकाया राशि की वसूली में सरकार से मदद मांगी और कर्मचारियों और प्रबंधन को प्रशिक्षण देने के महत्व पर बल दिया।
सहकार भारती के अध्यक्ष रमेश वैद्य, राष्ट्रीय महासचिव उदय जोशी, संरक्षक ज्योतिंद्र मेहता, आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे समेत अन्य सहकारी नेताओं और 9 से अधिक राज्यों से आए 20 प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।
संजय बिरला ने आगे बताया कि सहकार भारती शहरी सहकारी बैंकों से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श करने के लिए हर वर्ष 2-3 बैठकों का आयोजन करती है और इस कड़ी में वित्त वर्ष 2019-20 में उदयपुर में पहली बैठक का आयोजन किया गया था। अगली बैठक अगस्त में महाराष्ट्र के शेवगाँव में आयोजित की जाएगी, उन्होंने कहा।
यूसीबी के समक्ष विभिन्न कठिनाइयों का जिक्र करते हुए बिरला ने कहा कि राज्य सरकारें अक्सर शहरी सहकारी बैंकों की भर्ती प्रक्रिया में हस्तक्षेप करती हैं। राज्य सरकार के हस्तक्षेप के कारण अर्बन कॉपरेटिव बैंकों को नए कर्मचारियों को भर्ती करने में काफी दिक्कत होती है। उन्होंने कहा कि राजस्थान हस्तक्षेप का शिकार है।
आरबीआई सेंट्रल बोर्ड के निदेशक सतीश मराठे ने बैठक का विवरण सोशल मीडिया पर साझा करते हुए लिखा, “उदयपुर में सहकार भारती के यूसीबी सेल की अखिल भारतीय बैठक में भाग ले रहा हूँ। दिन भर चलने वाली बैठक में 9 राज्यों के प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं”।
कर्नाटक के एक प्रतिभागी ने व्हाट्सएप के माध्यम से “भारतीयसहकारिता.कॉम” के साथ बैठक का विवरण साझा करते हुए लिखा है कि सहकार भारती की ऑल इंडिया अर्बन बैंक सेल की बैठक यूसीबी के समक्ष विकास और चुनौतियों के बारे में चर्चा और संकल्प के साथ संपन्न हुई।
इस मौके पर उदयपुर महिला समृद्धि अर्बन कॉपरेटिव बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था नेफकॉब के अध्यक्ष के रूप में चुने जाने पर ज्योतिंद्र मेहता को सम्मानित किया।