सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षण को अहम भूमिका दी जाती है और एनसीयूआई की शिक्षा विंग एनसीसीई इस दिशा में अहम भूमिका अदा कर रही है। एनसीसीई समय-समय पर सहकारी नेताओं के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन करता है।
एनसीसीई ने एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि हाल ही में राज्य/जिला सहकारी संघों के प्रशिक्षकों के लिये 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमें देश भर से 21 करमचारियों समेत अधिकारियों ने भाग लिया।
शिक्षा कर्मियों की नौकरी की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम बनाया गया था और इसलिए विभिन्न विशेषज्ञों ने कई विषय, जैसे “परियोजना की तैयारी और कार्यान्वयन”, “लेख लिखना/प्रेस विज्ञप्ति जारी करना”और “केस अध्ययन को विकसित करना”, आदि पर प्रकाश डाला।
प्रशिक्षण का उद्देश्य “सहकारी शिक्षा और प्रशिक्षण”, “ऑडियो-विजुअल साधन की नवीनतम तकनीक”, “जीएसटी का कार्यान्वयन” एवम् “भंडारण विकास और विनियामक प्राधिकरण” (डब्ल्यूडीआरए) तथा “राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्तीय विकास निगम” (एनबीसीएफडीसी) की योजनाओं के बारे में अद्यतन जानकारी उपलब्ध कराना था।
एनसीयूआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एन सत्यनारायण ने प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में जमीन से जुड़ी सहकारी समितियों की समस्याओं और चुनौतियों का अध्ययन करें और अपनी रिपोर्ट एनसीयूआई को प्रस्तुत करें जिसे आगे संबंधित मंत्रालयों को भेजा जाएगा।
सत्यनारायण ने सहकारी नेताओं, सदस्यों के साथ-साथ कर्मचारियों को शिक्षित करने के लिए देश के दूरदराज के हिस्सों में जुनियर सहकारी प्रशिक्षण केंद्रों द्वारा निभाई जा रही भूमिका की सराहना की और सहकारी कार्यक्रमों के संचालन हेतु एनसीयूआई से उनके बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए उन्हें सहायता का आश्वासन दिया।
राष्ट्रीय राजधानी में उनकी पहली यात्रा को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों को दिल्ली में कुछ ऐतिहासिक स्थलों की यात्रा भी कराई गई।
कार्यक्रम का समन्वयन एनसीसीई/आईटी की उप-निदेशक संध्या कपूर द्वारा किया गया था। प्रतिभागियों ने कार्यक्रम को बेहद फायदेमंद पाया।