ताजा खबरें

बिस्कोमॉन: सुनील और गिरी पुन: अध्यक्ष और उपाध्यक्ष चुने गये

रविवार को पटना में हुए बिस्कोमान चुनाव में बिहार के दिग्गज सहकारी नेता सुनील कुमार सिंह एक बार फिर अध्यक्ष के रूप में निर्वाचित हुए हैं। यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि अगर आपकी सहकारी जड़ें मजबूत हैं तो सरकार किस पार्टी की है यह मायने नहीं रखता।

लालू प्रसाद यादव के समर्थक सुनील के पुन: राज्य विपणन सकारी संस्था के अध्यक्ष के रूप में चुना जाना उनके लिये एक उदाहरण के रूप में है, जो राज्य स्तर पर सरकार के परिवर्तन के साथ अपने पद भी गंवा देते हैं।

सुनील ने समझाया कि नई सरकारें सहकारी संस्थानों में ऐसे नए लोगों को बैठा देती है जिन्हें सहकारिता के बारे में ज्ञान नहीं होता और इस तरह सरकार बदलते ही सहकारी नेताओं को अपना पद छोड़ना पड़ता है। उल्लेखनीय है कि बिहार में जद (यू)- बीजेपी गठबंधन का शासन है, जबकि सुनील राजद के प्रति निष्ठा रखते हैं।

गोपाल गिरी सौम्य स्वभाव के व्यक्ति हैं और अपने नरम रुख के कारण सहकारिता जगत में गांधी के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें फिर से उपाध्यक्ष के रूप में निर्विरोध चुना गया है। परिणामों के तुरंत बाद समर्थकों ने सुनील और गिरी का फूल माला पहनाकर स्वागत किया।

नवनिर्वाचित अध्यक्ष ने वर्ष 2020 तक बिहार और झारखंड स्थित 175 केंद्रों के माध्यम से 500 करोड़ रुपये की खुदरा बिक्री हासिल करने का लक्ष्य रखा है। सुनील कुमार सिंह, जो नेफेड के उपाध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि उन्होंने बिजेन्द्र सिंह के पक्ष में नेफेड में शीर्ष पद छोड़ा है।

सुनील ने दावा किया कि बिस्कोमन के नए बोर्ड में सभी राजनीतिक दलों के नेता निर्वाचित हुए हैं। कांग्रेस के विधायक, जदयू के विधायक और यहां तक कि भाजपा के नेता भी शामिल हैं।  उन्होंने चुनावी राजनीति और सहकारी राजनीति को अलग-अलग रखने पर जोर दिया।

जितेंद्र कुमार ने सुनील कुमार सिंह के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका अमिता भूषण ने समर्थन किया। गोपाल गिरी के मामले में महेश राय ने नाम प्रस्तावित किया और विशुनदेव राय ने समर्थन किया।  सुनील ने कहा, “सभी प्रतिनिधियों, जिनकी संख्या 200 से अधिक थी, ने रिटर्निंग ऑफिसर से मांग की कि मुझे चुनावों के बिना ही विजेता घोषित किया जाए, लेकिन बुद्धिमान आरओ ने उन्हें शांत किया और नियम के अनुसार चुनाव कराया”। रविवार को सुनील के समर्थकों का जुनून देखने लायक था।

बाद में, “भारतीयसहकारिता.कॉम” के संवाददाता से फोन पर बात करते हुए सुनील सिंह ने कहा, “वर्तमान में हमने 375 करोड़ रुपये की खुदरा बिक्री हासिल की है, लेकिन हम इफको की मदद से बिहार और झारखंड राज्यों में फैले हमारे 175 केंद्रों के माध्यम से 500 करोड़ रुपये का लक्ष्य हासिल करना चाहते हैं।  हम पूरे बिहार में 25 नए केंद्र खोलने की भी योजना बना रहे हैं। अगर राज्य सरकार हमारा समर्थन करती है तो हम यूरिया की कमी से निपटने के लिए सरप्लस यूरिया अपने गोदामों में रख सकते हैं। इसके अलावा, हम बीज व्यवसाय शुरू करने और अपने उपभोक्ता वस्तु कारोबार का विस्तार करने की भी योजना बना रहे हैं”, सिंह ने रेखांकित किया।

नए बोर्ड में 10 जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के अध्यक्ष, 2 राज्य स्तरीय महासंघ के अध्यक्ष, जिसमें बिहार राज्य सहकारी बैंक,  उपभोक्ता सहकारी संघ और 2 निर्विरोध चुने गये विधायक शामिल हैं। इस बार 50% से अधिक प्रतिनिधि नए हैं।

चुने गए 17 निदेशकों में छ: नए हैं। इनमें हीरा प्रसाद सिंह, धमदाहा वायपर मंडल सहकारी समिति, पार्थ कुमार यादव, छपरा वायपर मंडल सहकारी समिति, रमेश चंद्र चौबे, प्रगतीशील कृष्ण सेवा स्वलांबी, विनय कुमार, गुरुवा व्यापार मंडल सहकारी समिति, विष्णुदेव रावत, विष्णु रावत – हाजिपुर व्यापार मंदल सहकारी समिति शामिल हैं।

बिस्कोमॉन बोर्ड में 21 निदेशक होते हैं, जिनमें से 17 चुने गए हैं और आमतौर पर दो निदेशक मनोनित किये जाते हैं।

Tags
Show More

Related Articles

Back to top button
Close