ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सहकारी बैंक उच्च सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के माध्यम से अपनी वित्तीय सेवाओं को लगातार मजबूत कर रहे हैं।
इस बात पर आमतौर पर सहमति है कि सहकारी बैंक पिछले वर्षों में सुधार कर रहे हैं।
आरबीआई द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2018 में वित्तीय संकट से जूझ रहे शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) की संख्या घटकर 1,551 हो गई जबकि 2004 में उनकी संख्या 1,926 थी। उसी अवधि में उनका सकल अशोध्य ऋण भी लगभग 25% से घटकर 10% हो गया है।
सहकारी बैंकों ने महसूस किया कि अगर वे अद्यतन प्रौद्योगिकी का प्रयोग नहीं करेंगे तो वे नष्ट हो जाएंगे।