उत्तर प्रदेश सहकारी ग्रामीण विकास बैंक की वित्तीय स्थिति डगमगाई हुई है और 30 जून तक बैंक को उधारकर्ताओं से लगभग 3,000 करोड़ रुपये की वसूली करनी है, लेकिन अभी तक केवल 451 करोड़ रुपये ही वसूली की गई है।
इसकी घोषणा अतिरिक्त आयुक्त और अतिरिक्त रजिस्ट्रार बैंकिंग आंद्रा वामसी ने हाल ही में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान की।
हाल के हुए संसदीय चुनाव के कारण वसूली कार्य में गति धीमी हो गई थी और बैंक के क्षेत्रीय और शाखा प्रबंधकों की लापरवाही भी देखने को मिली। यदि दिए गए समय पर पैसों की वसूली नहीं होती है, तो नाबार्ड बैंक को व्यवसाय करने से वंचित कर सकती है।।
रजिस्ट्रार ने चेतावनी दी कि अगर वसूली समय पर नहीं की गई तो संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के निलंबन का आदेश दिया जाएगा।
पांच भागों में से, प्रयागराज मंडल की स्थिति सबसे खराब है। कुलसचिव ने बताया कि गोरखपुर में लगभग 1.42 लाख ऋणी हैं, लेकिन अभी तक केवल 18 हजार उधारकर्ताओं ने अपना बकाया चुकाया है।
सूत्रों का कहना है कि सीएम योगी आदित्यनाथ व्यक्तिगत रूप से मामले की निगरानी कर रहे हैं।