“नेशनल लेबर कोऑपरेटिव फेडरेशन” (एनएलसीएफ) का चुनाव 12 जुलाई को होना तय है और महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले निवर्तमान चेयरमैन संजीव कुशालकर मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के चलते अध्यक्ष पद की दौड़ से बाहर रहेंगे।
कुशालकर लगातार दो बार शीर्ष निकाय के अध्यक्ष रहे हैं। अटकलें हैं कि वह अपनी पसंद के व्यक्ति को चेयरमैन बनाने में मदद करेंगे। कहा जा रहा है कि श्रमिक सहकारी आंदोलन पर कुशालकर परिवार की अच्छी पकड़ है और कोई भी उनके “आशीर्वाद” के बिना अध्यक्ष नहीं बन सकता है।
इस बीच खबर यह भी है कि दिल्ली सीट से बोर्ड में निदेशक के रूप में अशोक डबास के समक्ष इस बार कोई प्रतिद्वंद्वी होगा। ऐसी अटकलें हैं कि नेफेड के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह, डबास को चुनौती देने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल कर सकते हैं।
गोवा के निवर्तमान निदेशकों में से एक, वीवीपी नायर अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने की योजना बना रहे हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि उनके जीतने का कोई आसार नहीं है। नायर दिल्ली में पिछले एक पखवाड़े से डेरा डाले हुए हैं।
सूत्रों के अनुसार, मध्य प्रदेश के निवर्तमान निदेशक और पूर्व सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं और वह नामांकन पत्र दाखिल नहीं करेंगे।
एनएलसीएफ के इतिहास में पहली बार महिला निदेशकों के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं।
भारतीयसहकारिता.कॉम ने निवर्तमान अध्यक्ष संजीव कुशालकर से संपर्क करने की काफी कोशिश की लेकिन विफल रहा। एक मिलनसार आदमी और साथ ही एक सख्त सहकारी नेता, कुशालकर कभी भी मीडिया से बात करने से कतराते नहीं हैं।
कृषि मंत्रालय से सेवानिवृत्त मुख्य निदेशक सुखदेव इंदोरिया को चुनाव प्रक्रिया की देखरेख के लिए चुनाव अधिकारी के रूप में नियुक्त किया गया है।
बोर्ड में 17 निदेशक होते हैं, जिनमें से 10 सीटें लेबर कॉन्ट्रैक्ट कोऑपरेटिव्स से, 5 फॉरेस्ट कोऑपरेटिव्स से, 1 सीट सरकारी नॉमिनी के लिए और 1 सीट महिला डायरेक्टर के लिए आरक्षित है।
चुनाव के दौरान 260 से अधिक सदस्य वोट डालने के पात्र हैं। 197 सदस्य लेबर कॉन्ट्रैक्ट कोऑपरेटिव्स से हैं और बाकी फॉरेस्ट लेबर कोऑपरेटिव्स से हैं।
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार, उम्मीदवार अपने नामांकन पत्र 2 से 5 जुलाई तक दाखिल कर सकते हैं। नामांकन और नामांकन-पत्रों की वापसी 8 और 9 जुलाई को होगी। 12 जुलाई को मतदान होगा। उसी दिन चुनाव परिणाम भी घोषित किया जाएगा।
विभिन्न राज्यों जैसे तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गोवा, महाराष्ट्र, आंध्र, गुजरात, बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, एमपी और हिमाचल से प्रतिनिधि आएंगे।