सरकार की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार संस्थागत भूमि धारकों और किसान परिवार जिसमें एक या अधिक सदस्य पूर्व और वर्तमान में संवैधानिक पदों के धारक हैं, को छोड़कर, देश के सभी भूस्वामी किसान परिवार जिनके पास जोत की भूमि 2 हेक्टेयर से कम है वह पीएम-किसान योजना के लिए पात्र हैं।
जो पात्र नहीं हैं, उनमें पूर्व और वर्तमान मंत्री,राज्य मंत्री और लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं, राज्य विधान परिषदों के पूर्व, वर्तमान सदस्य, नगर निगमों के पूर्व और वर्तमान महापौर, जिला पंचायतों के पूर्व और वर्तमान अध्यक्ष शामिल हैं।
अपात्रता की सूची में केंद्र/राज्य सरकार के मंत्रालयों/कार्यालयों/विभागों और इसकी फील्ड इकाइयों के सभी सेवारत या सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों को शामिल किया गया है, जो केंद्रीय या राज्य सार्वजनिक उपक्रमों और सरकार के अधीन संलग्न कार्यालयों/स्वायत्त संस्थानों के साथ-साथ स्थानीय निकायों के नियमित कर्मचारी हैं (मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/ग्रुप डी कर्मचारी को छोड़कर)।
अपात्रता की श्रेणी में सभी पेंशनर्स जिनकी मासिक पेंशन 10,000 रुपये या उससे अधिक है (मल्टी टास्किंग स्टाफ/चतुर्थ श्रेणी/समूह डी कर्मचारियों को छोड़कर) और जो पिछले मूल्यांकन वर्ष में आयकर का भुगतान कर चुके हैं भी शामिल हैं।
इसके अलावा अपात्रता की सूची में डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, वकील, चार्टर्ड अकाउंटेंट, और आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल बॉडी के साथ पंजीकृत आर्किटेक्ट्स और प्रैक्टिस करके पेशे को अंजाम देने वाले पेशेवर भी शामिल हैं।